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झारखंड के देवघर में भगदड़ के बाद 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. हाल के दिनों में धार्मिक आयोजनों में भगदड़ की यह पहली घटना नहीं है. पिछले तीन साल में देश के 5 बड़े मंदिरों में 5 बड़ी भगदड़ हुई. इनमें 195 लोगों की मौत हो गई. इनमें से 113 लोग तो सिर्फ रत्नागढ़ की भयावह घटना में ही मारे गए थे.
भगदड़ की 5 बुरी यादें
14 जुलाई 2015 : आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 27 लोगों की मौत. गोदावरी पुष्कर मेला चल रहा था. पुष्कर घाट पर बहुत ज्यादा भीड़ के कारण भगदड़ मची.
4 अक्टूबर 2014 : बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में दशहरे के दिन 33 लोगों की मौत. रावण दहन देखकर लौट रहे थे लोग, तभी मची थी भगदड़.
25 अगस्त 2014 : मध्यप्रदेश के चित्रकूट मंदिर में 10 लोगों की मौत. सोमवती अमावस्या पर परिक्रमा के दौरान मची भगदड़. 50 हजार लोग मौजूद थे.
13 अक्टूबर 2013 : मध्य प्रदेश में दतिया के पास नवरात्र के दौरान रत्नागढ़ मंदिर में 30 बच्चों सहित 115 लोग मारे गए. पुल गिरने की अफवाह से मची भगदड़.
10 फरवरी 2013 : यूपी के इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर कुंभ के दौरान 36 लोगों की मौत. भारी भीड़ पर पुलिस का लाठीचार्ज मानी गई थी भगदड़ की वजह.