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नोटबंदी के पचास दिन: जनता अब भी बेहाल

बैंकों के आगे लाइन तो छोटी हुई है, लेकिन लोगों को कैश निकालने में अभी भी काफी दिक्क्त आ रही है. शहर से लेकर देहात तक लोग अपना पैसा निकालने के लिए परेशान है. अब जनता को इस बात का इंतजार है कि सरकार कैश निकासी की सीमा बढ़ाए और एटीएम में पर्याप्त मात्रा में नोट उपलब्ध हों.

बैंक में लगी कतार बैंक में लगी कतार
पंकज जैन
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  • 28 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

नोटबंदी के बाद पचास दिन हो चुके हैं. इसे कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह बताया गया था और प्रधानमंत्री ने इसके लिए जनता से पचास दिन मांगा था. कहा गया था कि पचास दिन के बाद लोगों की दिक्कतें कम होने लगेंगी, लेकिन सच यह है कि अभी हालात में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आए हैं. बैंकों के आगे लाइन तो छोटी हुई है, लेकिन लोगों को कैश निकालने में अभी भी काफी दिक्क्त आ रही है. शहर से लेकर देहात तक लोग अपना पैसा निकालने के लिए परेशान है. अब जनता को इस बात का इंतजार है कि सरकार कैश निकासी की सीमा बढ़ाए और एटीएम में पर्याप्त मात्रा में नोट उपलब्ध हों.

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दिल्ली में आजतक के संवाददाता पंकज जैन ने कतार में खड़े लोगों से बातचीत की. पुनीत नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि वे शाहदरा के बैंक में कैश नहीं होने से कनॉट प्लेस के आईसीआईसीआई बैंक के पिछले 3 दिन से चक्कर काट रहे हैं. इसी तरह एक व्यक्ति पुनीत कहते हैं, 'हमारी दो छुट्टियां बर्बाद हो गईं. दो दिन में वेतन से 683 रुपए कट गए, आज तीसरा दिन है. मेरी बैंक के मैनेजर से बहस हो गई, नंबर आते ही कैश खत्म हो जाता है. हम अपना पैसा लेने के लिए धक्का खा रहे हैं. मुझे मोदी सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं है.' राजवीर नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि सिंडिकेट बैंक में 24 हजार रुपये की जगह 10 हजार लेने का दबाव बनाया जाता है. उन्होंने कहा, 'सरकार को नोटबंदी के बाद बैंक में पर्याप्त स्टॉक रखना चाहिए. हमें लगता है कि नोटबंदी के बाद भी हमें कैश नहीं मिलेगा. अभी तक सैलरी नहीं निकाल पर पा रहे हैं.' हेमंत नाम के एक व्यक्ति ने कहा, 'हम अपना ऑफिस छोड़कर बैंक आए हैं. उम्मीद है मोदी सरकार कैश की लिमिट कुछ बढ़ा दे. एटीएम से कैश निकालने की लिमिट 5 हजार तक होनी चाहिए.'

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ग्रामीण क्षेत्रों में भी नहीं सुधरे हालात
ग्रामीण क्षेत्रों में भी हालात बहुत नहीं सुधरे हैं. बैंकों में कतार लगनी जारी है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि किसानों पर इससे दोहरी मार पड़ रही है. सब्जियों के रेट काफी घट गए हैं, इसकी वजह से किसान बहुत परेशान हैं. उनके पास पहले से ही कैश नहीं है और अब पैदावार बेचकर भी ज्यादा कैश मिलने वाला नहीं है.

राजनीतिक पारा भी चढ़ा
नोटबंदी के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन तेज करने के लिए विपक्ष ने कमर कस ली है. मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कई दलों की एक संयुक्त बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस हुआ, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला. विपक्ष ने कहा है कि अब 50 दिन पूरे होने वाले हैं और इसके बाद वो सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने बुधवार को हर जिला मुख्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया है. राजद का कहना है कि नोटबंदी से देश में आर्थ‍िक अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है.


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