Advertisement

बगदादियों के चंगुल से बचकर आई नादिया ने बताया, 'सेक्स स्लेव बनाने के लिए कौड़ियों के भाव बेच देते ह

बगदादियों के चंगुल से बच निकलने में कामयाब रही यजीदी लड़की नादिया मुराद ने अपनी आपबीती दुनिया के सामने रखी है. उसने हर उस लड़की पर हो रहे जुल्म की दास्तां सुनाई है, जो ISIS के आंतकियों के कब्जे में हैं और आजादी को तरस रही हैं.

नादिया ने दुनिया के सामने रखा ISIS का सच नादिया ने दुनिया के सामने रखा ISIS का सच
मोनिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST

एक दौर था जब इंसान को इंसान होने का शायद खिताब नहीं मिला था. तब इंसानी बस्तियां और सभ्य समाज की बुनियाद भी नहीं पड़ी थी. तब जंगल राज था और उसी जंगल राज में तब भेड़-बेकरियों की तरह इंसानों की खरीद-फरोख्त हुआ करती थी. बगदादी और उसके आतंकवादियों ने अपनी ताजा हरकत से उसी जंगल राज की याद ताजा कर दी. एक यजीदी लड़की के सामने आने के बाद बगदादी के बाजार की कुछ ऐसी कहानियां सामने आई हैं, जो रौंगटे खड़े करने वाली हैं.

Advertisement

सुनाई आपबीती
बगदादियों के चंगुल से बच निकली नादिया के मुताबिक आईएसआईएस के आतंकवादियों ने उसके गांव के कम से कम 150 लोगों के साथ उसे भी सिंजर से पकड़ा था और फिर मोसूल लेकर आ गए. वहां नादिया जैसी हजारों लड़कियों को पकड़ कर रखा गया था. फिर उन सभी को सेक्स स्लेव के तौर पर बेच दिया गया. वहां नादिया समेत तमाम लड़कियों के साथ रेप किया गया. तोहफों की तरह लड़कियों की अदला-बदली की जाती रही. जो इसके लिए तैयार नहीं होती थी, उसके साथ ऐसा जुल्म होता था कि देख कर रौंगटे खड़े हो जाएं. बाद में नादिया किसी तरह उन आतंकवादियों के चंगुल से भाग निकलने में कामयाब हो गई.

लड़कियों की लगती है बोली
21वीं सदी के बगदादी के बाज़ार में जानवरों की तरह इंसानों की बोली लगती है. वहां 50, 100, 150 डॉलर में एक-एक लड़की बेची और खरीदी जाती है. ये लड़कियां और औरतें, दुश्मन घरों की होती हैं, इसीलिए उन्हें बेच दिया जाता है.

Advertisement

नादिया पर टूटा था कहर
नादिया महज 21 साल की है और इंसानों की ऐसी ही एक मंडी में उसकी भी बोली लगाई गई थी. सौ-दो सौ डॉलर में उसे भी बेच दिया गया था. बिकने के बाद करीब तीन महीने तक नादिया अपने खरीददार मालिक के पास रही. और फिर एक रोज मौका मिलते ही किसी तरह जान बचा कर वहां से निकल भागी. अब ये महफूज है इसलिए अपनी कहानी सुना पा रही है. नादिया को उठाने से पहले आईएसआईएस के आतंकवादियों ने उसके छह भाइयों और मां को मार डाला था.

ISIS के चंगुल में हजारों लड़कियां
नादिया आईएसआईएस के चंगुल से निकल कर भी खुश नहीं है क्योंकि उसने अपनी आंखों से देखा है कि उसकी तरह 5800 यजीदी महिलाएं और लड़कियां अब भी आईएसआईएस के कब्जे में हैं. नादिया उनकी भी सलामती चाहती है औ उनतक मदद पहुंचाना चाहती है.

रेप कर बताया चरित्रहीन
मोसूल शहर पर कब्जे के बाद निनेवाह कस्बे आईएसआईएस के आतंकवादियों ने चारों महिलाओं के साथ रेप किया था. लेकिन फिर बाद में उन्हीं महिलाओं पर चरित्रहीन होने का इलजाम लगा दिया. जिसके बाद चारों को आईएसआईएस की शरिया अदालत में पेश किया गया. शरिया अदालत ने चारों को पत्थर मार कर मौत की सजा देने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद चारों औरतों को संगसार कर दिया गया.

Advertisement

बगदादी के बाजार में लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले आईएसआईएस के आतंकवादी कितने खूंखार हैं, इसका खुलासा शायद ही कभी हो पाता. वो तो नादिया जैसी कुछ यजीदी लड़कियां उनके चंगुल से किसी तरह बच निकलीं, तब कहीं जाकर ये सच सामने आया. तब पता चला कि औरतों को पर्दे में रहने की हिदायत देने वाले आईएसआईएस के आतंकवादी खुद ही कैसे उन्हें बेपर्दा और रुसवा कर रहे हैं.

5000 लोगों को किया था अगवा
आईएसआईएस के आतंकवादियों ने अगस्त 2014 में इन लड़कियों को उनके पूरे परिवार के साथ अगवा कर लिया था. तब यजीदी बिरादरी के ये लोग आईएसआईएस से बचने के लिए सिंजर की पहाड़ियों पर जा छिपे थे. लेकिन आतंकवादियों ने वहां भी उन्हें नहीं छोड़ा और तकरीबन 5000 लोगों को संगीनों के साए में अपने ठिकाने तक ले गए. इनमें से 2000 लोग तो किसी तरह भाग निकले, लेकिन जो तीन हजार लोग फंसे रहे, उनकी जिंदगी जीते जी नर्क बन गई. खास कर उन औरतों और बच्चों की, जो आईएसआईएस के आतंकवादियों का सबसे आसान शिकार थीं.

एक नहीं, कई बार बिकती थी लड़कियां
दरअसल, आईएसआईएस ने इन तमाम यजीदियों से इस्लाम कुबूल करने को कहा लेकिन जब यजीदी इसके लिए तैयार नहीं हुए तो उन्हें अगवा कर लिया गया, उन पर जुल्म ढाया जाने लगा. फिर तो ऐसी ही हजारों यजीदी लड़कियों को अगवा कर आईएसआईएस के जल्लादों ने उन्हें अपना सेक्स गुलाम बना लिया. ये आतंकवादी जब चाहें, जिसे चाहें उठाते और उसके साथ मनमानी करते. अगर कोई लड़की इसके लिए तैयार नहीं होती, तो उसे गोली मार देते. अब ऐसे में एक लड़की के साथ आईएसआईएस के आतंकवादी इतने दिनों कब-कब और कितनी बार बलात्कार कर चुके हैं, इसका सही-सही हिसाब अब खुद उनका शिकार बनीं लड़िकयां भी नहीं लगा सकतीं. लेकिन ये लड़कियां बताती हैं कि किस तरह आईएसआईएस के आतंकवादी उनके साथ ज्यादती करने के बाद उन्हें आगे अमीर लोगों के हाथों सेक्स स्लेव बनने के लिए बेच दिया करते थे. और इस तरह एक-एक लड़कियां बीसियों बार बिकती रही, लुटती रही और रुसवा होती रहीं.

Advertisement

महीनों तक तहखानों में बंद रहीं ये मासूम
एक महिला इराकी पत्रकार ने हाल ही में आईएसआईएस के चंगुल से छूट कर भाग निकली ऐसी लड़कियों को देखा और उनका दर्द समझने की कोशिश की. जब इन लड़कियों ने अपनी आपबीती सुनाई, तो उसे सुन कर वो हैरान रह गई. लेकिन इन तमाम कहानियों में सबसे दिल दहलानेवाली कहानी थी 12 साल की एक ऐसी गुमनाम यजीदी लड़की की, जिसके साथ आईएसआईएस के जल्लाद महीनों तक रेप करते रहे और जुल्म ढाते रहे. ऐसी सभी लड़कियों को अंधेरे तहखानों में बंद करके रखा जाता और कई-कई दिनों तक खाने-पीने की चीजो तक से महरूम रखा जाता.

पीड़ित नहीं फाइटर बनकर उबरीं लड़कियां
बगदादी के आतंकवादी खास तौर पर यजीदी लड़कियों के पीछे पड़े हैं. आईएसआईएस ने यजिदी लड़कियों पर इतने जुल्म ढाए हैं कि उनकी कहानी सुन कर रौंगटे खड़े हो जाएं. लेकिन तमाम जुल्मो-सितम के बावजूद इन लड़कियों ने हार नहीं मानी और अब बगदादी के साथ आर पार की लड़ाई शुरू कर दी है.

आईएसआईएस के आतंकवादियों के सबसे बड़े खौफ यानी लेडी ब्रिगेड की बुनियाद पड़ी, अगस्त 2014 को, जब आईएसआईएस ने इराक में सिंजर की पहाड़ियों में जा छिपे यजीदी समुदाय को लूटने और बर्बाद करने की गलती की. उसके बाद से इराक और सीरिया जैसे मुल्कों में तकरीबन 10 हजार लड़कियां अलग-अलग लेडी फाइटर ब्रिगेड का हिस्सा बन कर आईएसआईएस के आतंकवादियों से टकरा रही हैं, उनसे लोहा ले रही हैं.

Advertisement

भड़क रही है बदले की आग
दरअसल, अगस्त 2014 में आईएसआईएस ने जब इराक में पैर पसारने की शुरुआत की, तो उन्हें वहां के अल्पसंख्यकों में गिने जानेवाले यजीदी बिरादरी के लोग ही सबसे सॉफ्ट टार्गेट लगे. लिहाजा, इन आतंकवादियों ने चुन-चुन कर यजीदियों को लूटना और मारना शुरू कर दिया. तब आईएसआईएस के जुल्मो-सितम से घबरा कर इस समुदाय ने जान बचाने के लिए सिंजर की पहाड़ियों का रुख किया, लेकिन आईएसआईएस ने वहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ा और यहां से तकरीबन 5 हजार लोगों को अगवा कर लिया गया, जिनमें औरतों और बच्चों की भी एक बड़ी तादाद थी. अब यजीदियों के पास दो ही रास्ते थे या तो आईएसआईएस की बात मान कर इस्लाम कुबूल करना या फिर तड़प-तड़प कर मरना. लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी और यहीं आईएसआईएस के साथ यजीदियों के टकराव के जिस सिलसिले की शुरुआत हुई वो हर गुजरते दिन के साथ लगातार बढ़ती गई.

रिहाना बनी प्रेरणा
वहां कोबानियों ने आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. और इन्हीं कोबानी लड़कियों में एक थी रिहाना. दुबले-पतले और नाटे कद की इस लड़की ने अपने जीते-जी आतंकवादियों के ऐसे छक्के छुड़ाए कि वो देखते ही देखते एक पब्लिक फिगर बन गई. एक मोटे अनुमान के मुताबिक आईएसआईएस के हाथों मारे जाने से पहले अकेले इसी लड़की ने सौ से ज्यादा आईएसआईएस के आतंकवादियों को मौत की नींद सुला दिया था. रिहाना की शोहरत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाथ में गन लिए विक्ट्री यानी जीत का साइन बनाती उसकी इस तस्वीर को जहां लोगों ने लाखों बार देखा और हजारों बार ट्वीट किया.

Advertisement

छुड़ा रहीं हैं आईएसआईएस के छक्के
लेकिन लड़कियों के हाथों मारे जाने के आईएसआईएस के खौफ ने जैसे महिलाओं को आईएसआईएस के खिलाफ लड़ने का नया हौसला दे दिया. देखते ही देखते दोनों मुल्कों में अलग-अलग लेडी ब्रिगेड ने आईएसआईएस के छक्के छुड़ाने शुरू कर दिए. ऐसे ही ब्रिगेडों में एक वाईपीजे ने तो सीरिया में आईएसआईएस को उसके कब्जे वाली बहुत सी जगहों से पीछे धकेल दिया और सैकड़ों आतंकवादियों की जान ली. और अब हालत ये है कि परिवार की जिम्मेदारियों से बाहर निकल कर बुलेट प्रूफ जैकेट पहने और हाथ में खौफनाक अस्लहे लिए लेडी ब्रिगेड की लड़कियां जहां दुनिया भर के लिए एक विस्मय और अचरज की कहानी बन चुकी हैं, वहीं सीरिया और इराक जैसे मुल्कों की एक आम तस्वीर.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement