Advertisement

दिल्ली की 99 फीसदी आबादी में प्रोटीन की कमी: स्टडी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 99 फीसदी आबादी प्रोटीन की कमी से जूझ रही है. वहीं 80 फीसदी भारतीय आहार ऐसे होते हैं जिनमें प्रोटीन की कमी रहती है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि देश के उत्तरी भागों के ज्यादातर वयस्कों को प्रोटीन की सही मात्रा का ही पता नहीं है.

Almonds Almonds
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2015,
  • अपडेटेड 9:21 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 99 फीसदी आबादी प्रोटीन की कमी से जूझ रही है. वहीं 80 फीसदी भारतीय आहार ऐसे होते हैं जिनमें प्रोटीन की कमी रहती है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि देश के उत्तरी भागों के ज्यादातर वयस्कों को प्रोटीन की सही मात्रा का ही पता नहीं है.

Advertisement

इंडियन मार्केट रिसर्च ब्यूरो (आईएमआरबी) द्वारा भारत के सात बड़े शहरों में एक सर्वेक्षण कराया गया. वयस्कों के आहार में प्रोटीन की मात्रा को लेकर किए गए इस सर्वेक्षण के परिणामों से पता चला है कि मांसाहारी भोजन खाने वाले 85 फीसदी लोगों और शाकाहारी भोजन करने वाले 91 फीसदी लोगों में प्रोटीन की कमी पाई गई.

सर्वेक्षण में 30 से 55 साल उम्र के 1,260 लोगों को शामिल किया गया था. इसमें पुरुषों, महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं को शामिल किया गया था. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में 59 फीसदी लोग मांसाहारी थे.

मैक्स हेल्थकेयर अस्पताल में डायटिक्स डॉ. ऋतिका समादार ने कहा, 'औसतन एक वयस्क को रोजाना उसके शरीर के प्रति किलोग्राम भार के हिसाब से एक ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है. इससे कम प्रोटीन लेने से रोजमर्रा के कामकाज करने में कठिनाई होती है और दिमाग, संवेदी संकेतों को ठीक से नहीं समझ पाता. कमजोरी और थकावट लगना, प्रोटीन की कमी का मुख्य लक्षण है.'

Advertisement

नमूने में शामिल लोगों के उत्तरों से पता चला है कि 88 फीसदी लोग उचित मात्रा से कम प्रोटीन लेते हैं. वहीं इस सर्वेक्षण में दिल्ली की 99 फीसदी आबादी में प्रोटीन की कमी पाई गई है.

डॉ. समादार ने आगे बताया, 'लोग अपने दैनिक खानपान में प्रोटीन संपूरक का महत्व नहीं समझ पा रहे हैं. वे सोचते हैं कि प्रोटीन संपूरक केवल बॉडी बिल्डरों या कुपोषित लोगों के लिए ही होते हैं. उन्हें अपने आहार में भरपूर चीजें शामिल करनी चाहिए, वरना आने वाली पीढ़ियों में इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.'

- इनपुट IANS

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement