
देश में एक ओर महिलाओं को हक देने की मांग हो रही है वहीं दूसरी ओर देश की महिलाएं आईटीबीपी से जुड़कर हर रोज नई बुलंदियां छू रही हैं. महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ITBP ने एक बड़ा कदम उठाया है. आईटीबीपी में तैनात महिला अधिकारियों को भारत-चीन सीमा पर ऊंचे पहाड़ों पर तैनात भारतीय जवानों तक गोला-बारूद पहुंचाने के लिए नियुक्त किया गया है.
महिला जवानों के जज्बे को सलाम
दरअसल पिछले साल आईटीबीपी ने भारत-चीन सीमा की सुरक्षा के लिए 500 महिलाओं को प्रशिक्षित किया और सीमा पर तैनात किया. साथ ही महिलाओं को सहायक कमांडेंट जैसा पद दिया गया और महिला अफसर भी मिशन को बखूबी अंजाम देने में जुटी हैं. सीमा पर तैनात आईटीबीपी महिला जवानों के हौसले को देखते हुए अब आईटीबीपी ने एक और कदम बढ़ाया है. ITBP की मानें तो महिला जवानों को भारत-चीन सीमा पर 9 हजार से 19 हजार फीट की ऊंचाई को ध्यान में रखकर ट्रेनिंग दी गई है और महिला जवान भी इतनी ऊंची चढ़ाई पर सरलता पहुंच जा रही हैं.
महिलाओं को दी गई कठिन ट्रेनिंग
ITBP ने महिला जवानों को तैनाती से पहले कई तरह की ट्रेनिंग दी गई, भारत-चीन सीमा की ऊंचाई को देखते हुए चढ़ाई के लिए टट्टू, खच्चर और याक से जैसे को सुगमता से हैंडल करने की ट्रेनिंग दी गई. साथ ही महिला जवानों को 'क्रेक K9 डॉग्स' को संभालने की भी जिम्मेदारी दी गई है. महिला जवान भी अपने काम को अंजाम देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं. वो भी पुरुष के मुकाबले अपनी ड्यूटी को बेहतर तरीके से कर रही है. साथ ही संवेदनशील इलाकों में डॉग्स के साथ सीमा की सुरक्षा कर रही है.
ITBP में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश
ITBP के एनिमल ट्रांसपोर्ट विंग से जुड़ी महिला जवानों को सीमा पर मौसम के हालात को देखकर ट्रेंड किया गया है. सर्दी के मौसम टट्टू के जरिये ऊंचे स्थानों पर गोला बारूद, बम के अलावा जरूरत की चीजें सामान पहुंचाई जा रही है. साथ ही ड्यूटी में तैनात जवानों तक भोजन और कपड़े महिलाओं जवानों द्वारा पहुंचाए जा रहे हैं. गौरतलब है कि ITBP की ओर महिलाओं की भागीदारी सेना में लगातार बढ़ाने की कोशिश जारी है. आईटीबीपी की योजना फोर्स में एक तिहाई महिलाओं को भर्ती करने की है.