
कागज और डॉक्यूमेंट को लेकर देश में छिड़ी बहस के बीच केंद्र सरकार एक नया कानून बनाने की तैयारी कर रही है. सरकार जल्द ही आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंक कर सकती है. कानून मंत्रालय की ओर से इसपर कानून बनाने के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है, जो जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी के सामने पेश किया जाएगा.
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, कानून मंत्रालय रिप्रेंजटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1951 में कुछ बदलाव की तैयारी कर रहा है. चुनाव आयोग की ओर से मंत्रालय को ऐसा एक प्रस्ताव दिया गया था, जिससे वोटर आईडी कार्ड के जरिए वोटर की जानकारी मिल सके. इसी पर सरकार आगे कदम बढ़ा सकती है.
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हालांकि, अभी कानून मंत्रालय इस मसले से जुड़े हर पहलू को देख रहा है. जिसमें किसी भी व्यक्ति की जानकारी, डाटा की चोरी ना होने के खतरे को परखा जाएगा. मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि ये कैबिनेट नोट कब पेश किया जाएगा, इसकी अंतिम तिथि तय नहीं है. लेकिन आसार हैं कि बजट सत्र में ये कानून आ सकता है.
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बता दें कि अगस्त 2019 में चुनाव आयोग की ओर से कानून मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी गई थी. जिसमें अपील की गई थी कि जो नए वोटर आईडी कार्ड के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उनके आधार को लिंक करने पर विचार किया जा सकता है. इसमें अभी तक के वोटरों को भी जोड़ा जा सकता है.
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 90 करोड़ वोटर हैं. वहीं करीब इतने ही लोगों के पास आधार कार्ड भी है. इससे पहले सरकार की ओर से आधार कार्ड और पेन कार्ड को लिंक करने का आदेश जारी किया गया था. आधार-पेन को लिंक करने के लिए 31 मार्च 2020 तक की डेडलाइन दी गई है.