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जम्मू कश्मीर के बारामूला से गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रहमान ने पूछताछ में कई अहम राज उगले हैं. सेना की 19 इनफैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल जेएस नैन ने बताया कि जैश आतंकियों को आधार कार्ड भारत में घुसते के बाद दिए गए थे.
जैश कमांडर से राज उगलवा रही हैं जांच एजेंसियां
सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि रहमान के पास से बरामद आधार कार्ड असली है या फर्जी. मेजर जनरल नैन ने आज तक से कहा कि जैश आतंकी की गिरफ्तारी सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है. इससे अब
यह पता लगाया जा सकेगा कि जैश किन वारदातों को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहा है.
5 आतंकियों के ग्रुप का हिस्सा था रहमान
मेजर नैन ने बताया, 'इंटेलीजेंस इनपुट मिला है कि कुछ आतंकी भारत में घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं. रहमान की गिरफ्तारी से हमें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आतंकियों की घुसपैठ के रूट कौन से हैं और
उनके दूसरे आतंकी मॉड्यूल्स के बारे में भी जानकारी मिलेगी.' उन्होंने बताया कि रहमान पांच आतंकियों के ग्रुप का हिस्सा था. बाकी चार आतंकी कहां हैं, इस बारे में कोई सुराग नहीं मिला है. हो सकता है कि वो उत्तरी
कश्मीर के दूसरे हिस्से में हों. जैश कमांडर के पास से एके राइफल, एके राउंड 4 ग्रेनेड और वायरलेस सेट बरामद किया गया है.
पीओके का रहने वाला है रहमान
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया, 'अब्दुल रहमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का नागरिक है, जो कथित रूप से जम्मू-कश्मीर में जैश के आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहा था.' आतंकी को खुफिया इनपुट के आधार
पर शुक्रवार शाम को बारामूला के हाजीबल से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि अब्दुल रहमान मुजफ्फराबाद का रहने वाला है और इस साल फरवरी में ही घाटी में दाखिल हुआ था. आतंकी को जैश के छह लोगों
के समूह में शामिल फिदायीन बताया गया है.
आधार कार्ड में शबीर है नाम
गिरफ्तार जैश कमांडर को लेकर सबसे चौंकाने वाली बात उसके पास से आधार कार्ड का बरामद होना है. इसमें उसका नाम शबीर अहमद खान बताया गया है और पिता का नाम गुलाम रसूल खान है. बरामद कार्ड का
नंबर 647856225315 है. पुलिस का कहना है कि वह आधार कार्ड की सत्यता की जांच कर रही है.