
भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए अन्ना आंदोलन के गर्भ से जन्मी आम आदमी पार्टी अपनी फंडिंग को लेकर एक बार फिर से मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है. इस बार मुश्किल पार्टी को चंदे के तौर पर मिले 2 करोड़ रुपए को लेकर है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में ऐसा सामने आया है कि साल 2014 में चार कंपनियों के जरिए दो करोड़ रुपए के चंदे मामले में पार्टी ने झूठ बोला है. आईटी विभाग की जांच में ऐसा खुलासा हुआ है कि आम आदमी पार्टी ने ड्राफ्ट के जरिए 4 कंपनियों से रकम लिया. जांच के दौरान इन सभी कंपनियों को फर्जी पाया गया. ये सभी कंपनियां सिर्फ मनी लाउंड्रिंग का काम करती रही हैं. झूठ पकड़े जाने के बाद अब पार्टी को दो करोड़ पर इनकम टैक्स देना होगा.
आखिर कहां और क्या है पूरा मामला?
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के करावल नगर इलाके की पतली और संकरी गलियों के भीतर एक प्लॉट से आम आदमी पार्टी के फर्जी चंदे की कहानी शुरू होती है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आम आदमी पार्टी को 2 करोड़ का चंदा देने के मामले में जिन चार फर्जी कंपनियों का पता लगाया है. उनमें से तीन करावल नगर के रामा गार्डेन की गली नंबर 4/3 के भीतर से चलाई जाती रही हैं. बी-76, प्लॉट नंबर 11-12 के पते पर फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. इन चारों कंपनियों के नाम क्रमश: गोल्डमाइन बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, स्काईलाइन मेटल एंड अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड और सनविजन एजेंसीज़ प्राइवेट लिमिटेड हैं. इन कंपनियों पर आरोप है कि इन चार कंपनियों ने 5 अप्रैल 2014 को एक ही रात में 50-50 लाख रुपए का चंदा आम आदमी पार्टी के खाते में जमा किया.
2015 में मामला सामने आने पर इनकम टैक्स विभाग ने जांच शुरू कर दी. 9 फरवरी 2015 के रोज इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस के मार्फत आम आदमी पार्टी से फंडिंग की पूरी जानकारी मांगी. आजतक टीम ने जब इन फर्जी कंपनियों से जुड़े तमाम दस्तावेजों को खंगालने की कोशिश की तो उन्हें कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं. इन चार कंपनियों में से तीन एक ही पते पर दर्ज हैं. जबकि जांच करने पर यहां कोई भी कंपनी नहीं मिली. तीन कंपनियों के पति पर जानकी नामक एक महिला मिलीं. उनके पास इस मकान का बिजली बिल भी थ. इससे यह बात प्रूफ होती है कि आम आदमी पार्टी को फंड करने वाली पार्टियां फर्जी हैं. उनका अस्तित्व सिर्फ और सिर्फ कागजों पर ही है.
आजतक को जांच में क्या मिला?
आजतक टीम ने सिर्फ मौके पर जाकर इस पूरे मामले की तहकीकात की बल्कि तमाम कागजों की भी छानबीन की. कागजात की तह में जाने पर कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की लिस्ट भी चौंकाने वाली रही. गोल्डमाइन बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, स्काईलाइन मेटल, अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड और सनविजन एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर एक ही निकले. डायरेक्टर्स की लिस्ट में शुमार सभी तीन कंपनियों में अजय कुमार उपाध्याय और योगेश कुमार नाम के दो शख्स बतौर डायरेक्टर नामित हैं. तीनों कंपनियों में इन दोनों को एक ही दिन यानी 11 जनवरी 2014 को डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया. इसका मतलब है कि आम आदमी पार्टी को चंदा देने से महज महीने भर पहले.
चौथी कंपनी इंफोलेंस सॉफ्टवेयर सॉल्यूसंस लिमिटेड की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. ये कंपनी नॉर्थ दिल्ली के गांव बकरौली में बताई गई. इस कंपनी से जुड़े दो डायरेक्टर हेम प्रकाश शर्मा और मुकेश कुमार करावल में चल रही तीन कंपनियों में से एक गोल्डमाइन बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड में भी डायरेक्टर हैं. इस पूरे मामले में मजेदार बात ये है कि ये दोनों ही शख्स दोनों कंपनियों में एक ही दिन 1 दिसंबर 2010 को डायरेक्टर बनाए गए. अजय कुमार उपाध्याय सिर्फ इन्हीं कंपनियों से जुड़े हुए नहीं हैं बल्कि आजतक की जांच मे ये पता चला कि इन तीन कंपनियों के अलावा और तीन कंपनियों से भी 11 जनवरी 2014 को ही जुड़े और सभी 6 कंपनियों में उन्हें एक ही दिन डायरेक्टर बना दिया गया.
इनकम टैकस ने अपनी ओर से इस मामले में तहकीकात की. आजतक के रिपोर्टेरों स्पेशल जांच-पड़ताल में पता लगाया कि कैसे फर्जी कंपनियों से ब्लैंक चेक के जरिए आम आदमी पार्टी को एक ही रात में 2 करोड़ रुपए का चंदा मिला. पार्टी का झूठ इस मामले में पकड़ा जा चुका है. सबकुछ कैमरे में भी कैद है. उसे अब इनकम टैक्स के कानूनों को हिसाब से टैक्स तो चुकाना ही होगा. वहीं आगे उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है.