
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में सियासत गर्म हो गई है. इस मुद्दे पर देश का सबसे बड़ा न्यूज चैनल आजतक 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' पर पंचायत आयोजित कर रहा है. पांच घंटे चलने वाली इस पंचायत में इस विषय से जुड़ी हस्तियां इसके तमाम पहलुओं पर चर्चा करेंगी.
शाम 4 से 5 बजे तक चलने वाले सत्र का नाम होगाः मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम. इसका संचालन निशांत चतुर्वेदी कर रहे हैं. पहले सत्र में रोहित चहल (नेशनल मीडिया इन चार्ज बीजेवाईएम), शहला राशिद (पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष जेएनयू), सौरभ चौधरी (छात्र नेता एएमयू), नाजमुस शाकिब (कैबिनेट मेंबर एएमयू छात्र संघ), कंवलप्रीत कौर (आइसा अध्यक्ष, दिल्ली विश्वविद्यालय) कुर्बान अली (वरिष्ठ पत्रकार और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के सदस्य), फिरोज बख्त अहमद (शिक्षाविद) मौजूद हैं.
पहले सत्र में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट इरशाद अहमद ने कहा कि जिन्ना की तस्वीर से किसी को मोहब्बत नहीं है. ये तो फैलाया जा रहा है. ये तस्वीर 1938 में लगी थी. तस्वीर को हटाने का कोई तो कानून होगा. अलग मुल्क के लोग कहें तो उसे हटा दें, लेकिन तस्वीर का विरोध युवा वाहिनी ही कर रही है.
रोहित चहल ने कहा कि जिन्ना की तस्वीर के अलीगढ़ लाहौर नहीं बन जाता, लेकिन ये लगी ही क्यों है?
शहला राशिद ने कहा कि मारपीट पूरी तरह गलत है क्योंकि हिन्दू महासभा ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल में सरकार बनाई थी. ये आरएसएस वाली मानसिकता भी टू नेशन के थ्योरी को सपोर्ट करती है. जिन्ना भी टू नेशन पर यकीन करते थे. कठुआ कांड से ध्यान हटाने के लिए ये विवाद खड़ा किया जा रहा है.अगर जिन्ना की तस्वीर से दिक्कत है तो सावरकर की तस्वीर क्यों नहीं हटाते?
सौरभ चौधरी ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं ने नहीं बल्कि एएमयू के छात्र नेताओं ने मारपीट की थी. सांसद ने सिर्फ तस्वीर हटाने के लिए पत्र लिखा है. उन्हें ये अधिकार है.
बहस में कंवलप्रीत कौर ने कहा कि अगर आपको जिन्ना से दिक्कत है तो संसद में लगी सावरकर की फोटो क्यों नहीं हटाते? आप जिन्ना की तस्वीर बेशक हटा दीजिए, लेकिन सावरकर की तस्वीर क्यों लगा रखी है.
साकेत बहुगुणा ने कहा कि एएमयू में सम्मानित जगह पर जिन्ना की फोटो हटा देनी चाहिए. मोरार जी देसाई को मिला निशान-ए-पाकिस्तान सम्मान भी उनके परिवार को वापस कर देना चाहिए. जो व्यक्ति बंटवारे के लिए जिम्मेदार है, उस व्यक्ति की फोटो सम्मानित स्थान पर लगाना बिलकुल सहन नहीं किया जा सकता.
एएमयू के छात्र नेता मतीन अशरफ ने कहा कि अगर हमें जिन्ना से मोहब्बत होती तो एएमयू के हर डिपार्टमेंट में जिन्ना की तस्वीर होती. जिन्ना इतिहास का हिस्सा हैं और इतिहास अच्छा हो या बुरा, नहीं बदल सकता. जिन्ना ने देशों को बांटा, दिलों को बांटा, ये मानते हैं, लेकिन तस्वीर सिर्फ एक जगह से हटाने के लिए बवाल क्यों किया जा रहा है. आप तस्वीर हटाने के लिए कानून लाइए. बीजेपी के लोगों के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है. इसीलिए ये अब जिन्ना की तस्वीर का सहारा ले रहे हैं. जिन्ना के हम समर्थक नहीं हैं.
अबुल कलाम आजाद के परपोते फिरोज बख्त ने कहा कि हमारे आदर्श जिन्ना नहीं हो सकते. हमारे आदर्श मौलाना अबुल कलाम आजाद हो सकते हैं. डॉ. जाकिर हुसैन हो सकते हैं. हम हिंद के बच्चे हैं. हमें पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. एएमयू- जेएनयू को सियासत का अखाड़ा मत बनाइए.
शाम 5 बजे से 6 बजे तक चलने वाले सत्र में चर्चा होगी कि ‘जिन्ना की जरूरत क्यों?’. इस सत्र का संचालन रोहित सरदाना करेंगे. इस सत्र में गौरव भाटिया (बीजेपी प्रवक्ता), घनश्याम तिवारी (सपा प्रवक्ता), सुनीत चोपड़ा (सीपीआईएम नेता), सैय्यद मोहिबुल हक (प्रोफेसर राजनीति शास्त्र, एएमयू), संजू बजाज (संयोजक, हिंदू जागरण मंच, अलीगढ़), मसुदुल हसन (पूर्व उपाध्यक्ष एएमयू छात्र संघ) और कनाडा से पाकिस्तानी विद्वान तारिक फतह जुड़ेंगे.
शाम 6 बजे से 7 बजे तक चलने वाले सत्र का नाम होगा, जिन्ना ने फिर बांट डाला . इस सत्र के संचालन अंजना ओम कश्यप करेंगी. इस सत्र में सुधांशु त्रिवेदी (प्रवक्ता, बीजेपी), अनुराग भदौरिया (प्रवक्ता, सपा), मौलाना महमूद मदनी (महासचिव जमियत-ए-उलेमा-ए हिंद), कमाल फारुकी (सदस्य ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) राकेश सिन्हा (आरएसएस विचारक), प्रो. मो. सज्जाद (प्रवक्ता, एएमयू) मौजूद रहेंगे.
शाम 7 बजे से 8 बजे तक चलने वाले सत्र का विषय होगा- राष्ट्रवाद बनाम जिन्नावाद. इस सत्र का संचालन श्वेता सिंह करेंगी. इसमें कन्हैया कुमार (पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, जेएनयू) और साकेत बहुगुणा (एबीवीपी नेता) आमने-सामने होंगे.
रात 8 से 9 बजे तक चलने वाले सत्र का नाम होगा- हिंदुस्तान में किसको चाहिए जिन्ना? इस सत्र का संचालन अंजना ओम कश्यप करेंगी. इसमें वक्ता होंगे मोहसिन रजा (राज्यमंत्री यूपी सरकार), केसी त्यागी (महासचिव, जेडीयू), जफरयाब जिलानी (सदस्य, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड), जफर सरेशवाला (चांसलर, मौलाना आजाद विश्वविद्यालय हैदराबाद), सुधींद्र कुलकर्णी (राजनीतिक विश्लेषक), घनश्याम तिवारी (सपा प्रवक्ता), राकेश सिन्हा (संघ विचारक), प्रो. मो. सज्जाद (प्रवक्ता, एएमयू).