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जानबूझ कर RSS के ट्रैप में फंस रहे AMU के छात्र: रिजवान अहमद

रिजवान अहमद ने कहा, ''अगर मैं AMU का अध्यक्ष होता और मुझे पता चलता कि वहां के सांसद ने वाइस चांसलर को खत लिखा है और मीडिया मुझसे इस मसले पर सवाल करता, तो मैं यही कहता कि एक राजनीतिक व्यक्ति ने वाइस चांसलर को खत लिखा है. यह मसला एचआर का है और मैं छात्र हूं, मेरा जिन्ना की तस्वीर लगी रहने या हटने से कोई लेना-देना नहीं हैं.''

इस्लामिक स्कॉलर रिजवान अहमद इस्लामिक स्कॉलर रिजवान अहमद
राम कृष्ण/श्वेता सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्र जानबूझकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के ट्रैप में फंस रहे हैं और फिर कहते हैं कि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. ये बात इस्लामिक स्कॉलर रिजवान अहमद ने आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' के चौथे सत्र 'राष्ट्रवाद बनाम जिन्नावाद' पर बहस के दौरान कही.

इस सत्र का संचालन मशहूर एंकर श्वेता सिंह ने किया. इस सत्र में इस्लामिक स्कॉलर रिजवान अहमद के अलावा AIMPLB के सदस्य जफरयाब जिलानी, AMUSU के पूर्व उपाध्यक्ष सैयद मसूद-उल-हसन और बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिपाठी समेत अन्य ने हिस्सा लिया.

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रिजवान अहमद ने कहा, ''अगर मैं AMU का अध्यक्ष होता और मुझे पता चलता कि वहां के सांसद ने वाइस चांसलर को खत लिखा है और मीडिया मुझसे इस मसले पर सवाल करता, तो मैं यही कहता कि एक राजनीतिक व्यक्ति ने वाइस चांसलर को खत लिखा है. यह मसला एचआर का है और मैं छात्र हूं, मेरा जिन्ना की तस्वीर लगी रहने या हटने से कोई लेना-देना नहीं हैं. साल 1938 से तस्वीर लगी है और लगी रहे तो ठीक और हट जाए तो ठीक. जो एडमिनिस्ट्रेशन फैसला लेगा, वो होगा. मुझे पढ़ने दीजिए. लेकिन उनको ऐसा नहीं करना है और आरएसएस के ट्रैप में गिरना है. इसके बाद यह कहना है कि मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है.''

उन्होंने कहा कि किसी ने बेतुका तर्क दिया कि साल 1938 से AMU में जिन्ना की तस्वीर लगी है. लिहाजा यह लगी रहेगी. इस पर तंज कसते हुए रिजवान ने कहा कि साल 1970 में ओसामा बिन लादेन दुनिया का बहुत बड़ा बिजनेसमैन था. 55 देशों में उसका कारोबार था, तो उसकी भी साल 1970 की तस्वीर लगा दो. बुरहान वानी छात्र हुआ करता था, उसकी भी तस्वीर उस समय की लगा लो. मालूम हो कि आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने पाकिस्तान में ढेर कर दिया था. इसके अलावा आतंकी बुरहान वानी को भारतीय सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था.

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रिजवान अहमद की बात पर AMUSU के पूर्व उपाध्यक्ष सैयद मसूद-उल-हसन ने कहा कि हम जिन्ना के पक्षकार नहीं हैं. AMU में छात्रों पर लाठी चार्ज की गई और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिपाठी ने कहा कि अगर मामले में कोई भी दोषी पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि तस्वीर हटना और कार्रवाई होना दोनों तकनीकी पहलू हैं, लेकिन यहां लड़ाई सिद्धांत की है.

उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र पाकिस्तान जिसको जिन्ना ने बनाया और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना भारत....दोनों में अंतर यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी अगर अमेरिका के बाहर अपना ऑफिस खोलती है, तो भारत के बेंगलुरु में और वहीं दुनिया का सबसे बड़े आतंकी संगठन अलकायदा का सरगना मिलता है, तो पाकिस्तान में.

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