
आम आदमी पार्टी के लिए राजस्थान में कमान संभाल रहे कुमार विश्वास जनवरी 2018 में 100 विधानसभाओं में प्रचार करेंगे. दिल्ली के पार्टी दफ्तर में हुई बैठक के बाद कैम्पेन की रणनीति तैयार कर ली गई है. 'आजतक' से खास बातचीत करते हुए कुमार विश्वास ने बताया कि अगस्त 2018 में पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी राजस्थान की जनता से वोट मांगते नजर आएंगे.
कुमार विश्वास के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में 500 से ज्यादा पर्यवेक्षकों को राजस्थान की हर विधानसभा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. कुमार का दावा है कि जुलाई 2017 में चुनाव समिति बनाई जाएगी. इस समिति में सिर्फ राजस्थान के लोग ही उम्मीदवार का चयन करेंगे, और दिल्ली का इसमें कोई रोल नहीं होगा.
पूरे राजस्थान में किसान आंदोलन की तैयारी
चुनाव को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी पूरे राजस्थान में किसान आंदोल करने जा रही है. अजमेर में 8 अक्टूबर, 24 अक्टूबर को जोधपुर, दिसंबर में जयपुर में 1 लाख किसानों के साथ रैली करने की तैयारी है.
कुमार विश्वास ने 'आजतक' को बताया कि राजस्थान में किसान, छात्र और महिलाएं तीन बड़े मुद्दे होंगे. जनवरी से महिलाओं के नेतृत्व में शराबबंदी मुहिम भी राजस्थान में चलाई जाएगी. कुमार का मानना है कि राजस्थान में मोहल्ला क्लीनिक, 20 हजार लीटर पानी फ्री, बिजली के आधे दाम जैसी योजना और दिल्ली सरकार की तर्ज पर स्कूल बनने चाहिए.
AAP के छात्र विंग की जीत से खलबली
कुमार विश्वास का कहना है कि "राजस्थान में आम आदमी पार्टी के छात्र विंग की जीत से पार्टी को बल मिला है. 9 प्रदेशों में CYSS है जिनमें से एक राजस्थान में छात्र चुनाव के दौरान 50 युवक-युवतियों की जीत हुई है. इस जीत ने ABVP और NSUI के बीच खलबली मचा दी है."
हालांकि कुमार का मानना है कि छात्र संगठन चुनाव जीतने पर राज्य की 200 सीट जीतने का दावा करना मूर्खता होगी, क्योंकि जनता आम आदमी पार्टी से विपक्ष नहीं, विकल्प की उम्मीद कर रही है.
कुमार विश्वास ने आगे कहा कि "राजस्थान को लेकर जब तीन महीने पहले तैयारी शुरू हुई तो पार्टी के अंदरूनी और बाहरी समीक्षक कहते थे कि कुमार विश्वास के लिए राजस्थान डंपिंग यार्ड है. लेकिन हम आंदोलन के बीज हैं हमें जितना गहरा दफन करने की कोशिश होगी उतना ही बड़ा पेड़ बनकर फूटेंगे.
'यज्ञ होते हैं तो खर-दूषण आते हैं'
विश्वास ने अपने ऊपर हुए पार्टी के अंदरूनी हमलों पर तंज कसने का भी कोई मौका नहीं छोड़ा. कुमार ने कहा कि "जब मुझे पहली बार राजस्थान की जिम्मेदारी मिली तो 'बैक टू बेसिक' का नारा दिया था. इस नारे से अंदरखाने बहुत से लोगों को तकलीफ हुई है, तकलीफ जायज भी है क्योंकि बेसिक से हटने पर तकलीफ तो होगी. कष्ट हुआ कि लोगों ने खुले ट्वीट किए और चिट्ठियां लिखी लेकिन मेरा मानना है कि यज्ञ होते हैं तो खर-दूषण आते हैं."
आपको बता दें कि कुमार विश्वास ने राजस्थान में प्रचार के लिए 70 दिन का प्लान बनाया है. जनवरी 2018 में कुमार महज 35 दिन के दौरान 100 विधानसभाओं में प्रचार करेंगे. पार्टी के मुताबिक दिल्ली के 21 विधायक राजस्थान में प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे. अगस्त 2018 में दिल्ली सरकार के कामकाज को बताने के लिए मंत्री भी प्रचार का हिस्सा बनेंगे.