
इनकम टैक्स से चंदे की गड़बड़ी पर नोटिस मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता एक के बाद एक सफाई देने के लिए सामने आ रहे हैं. मनीष सिसोदिया ने पार्टी के चंदे का बहीखाता जनता के सामने रखते हुए मांग उठाई है कि राजनीतिक दलों को चंदे की जानकारी वेबसाइट पर साझा करने के नियम बनने चाहिए.
मनीष सिसोदिया का आरोप है कि आम आदमी पार्टी का सारा चंदा बैंक के माध्यम से आ रहा है और पारदर्शी तरीके के बावजूद चंदे को गैरकानूनी बताया जा रहा है. सिसोदिया ने यह भी दावा किया कि इनकम टैक्स विभाग को 34 बार जवाब नहीं देने का आरोप भी गलत है.
मीडिया से बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने खाते का एक पुलिंदा दिखाया जिसमें आम आदमी पार्टी को चंदा देने वालों की जानकरी मौजूद है. सिसोदिया ने कागज की पोटलियां दिखाते हुए कहा कि यह आम आदमी पार्टी का अकाउंट है, इसमें 1 लाख से ज्यादा एंट्री है. अंनत सिंह ने शहडोल से 500 रुपये का चंदा दिया उनका पूरा डिटेल लिखा है. अशोक प्रसाद ने गुड़गांव से 123 बार चंदा दिया, इनकी बैंक डिटेल, पता सब कुछ लिखा हुआ है.
सिसोदिया ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी रोजाना मिलने वाले चंदे की रिपोर्ट भी तैयार करती है. मनीष सिसोदिया का कहना है, "भारत के इतिहास में आम आदमी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो अपने चंदे के एक-एक रुपये का पूरा हिसाब ना केवल व्यवस्थित करती है बल्कि उसे चुनाव आयोग समेत जांच एजेंसियों को सौंपती है. पार्टी को अगर कोई 10 रुपए का भी चंदा देता है तो उसका भी पूरा बही-खाता पार्टी के पास मौजूद रहता है, बावजूद इसके आम आदमी पार्टी के सारे चंदे को गैरकानूनी बताते हुए उस पर टैक्स लगा दिया गया है. इनकम टैक्स विभाग की यह कार्रवाई केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर हुई है."
हालांकि इनकम टैक्स का नोटिस पार्टी को रामलीला मैदान में स्थापना दिवस के कार्यक्रम से कुछ दिन पहले भेजा गया था लेकिन आम आदमी पार्टी यह भी आरोप लगा रही है कि पिछले दिनों जैसे ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह अपील की कि गुजरात के लोग भारतीय जनता पार्टी को वोट ना दें और बीजेपी को हराना ही हम सबका मकसद है, उसके बाद इनकम टैक्स का नोटिस पार्टी को भेज दिया गया.