
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सियासत में धरना हमेशा सबसे बड़ा हथियार रहा है. इस बार उन्होंने इसका इस्तेमाल उपराज्यपाल अनिल बैजल के खिलाफ किया लेकिन अब एलजी के बहाने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुट गए हैं. केजरीवाल की ये रणनीति कुछ हद तक सफल भी होती दिख रही है क्योंकि उन्हें इस मुद्दे पर चार मुख्यमंत्रियों के अलावा कई विपक्षी नेताओं का भी साथ मिल गया है. वहीं पीएम पर हमला तेज करते हुए केजरीवाल की आम आदमी पार्टी आज सीधे उनके आवास को घेरने जा रही है. कहने का अर्थ है कि दिल्ली में अफसरों की हड़ताल तुड़वाने के लिए शुरू हुए इस धरने को अब सीधे मोदी बनाम केजरीवाल बनाने की आम आदमी पार्टी ने तैयारी कर ली है.
धरने के लिए चुना LG का घर
केजरीवाल का धरने से पुराना नाता है, जब भी केजरीवाल की पार्टी पर सियासी संकट आया, उन्होंने धरने को हथियार बनाया और फिर नई ताकत के साथ उभरकर आम आदमी पार्टी सामने आई. इस बार केजरीवाल ने रणनीति में थोड़ा बदलाव किया और धरने के लिए जगह भी रामलीला मैदान या जंतर-मंतर नहीं बल्कि LG अनिल बैजल का दफ्तर चुना. ये धरना जहां अपेक्षाकृत सुविधाजनक है, वहीं असर भी इसका ज्यादा देखने को मिल रहा है. केजरीवाल की मांग है कि आईएएस अफसरों की हड़ताल एलजी तुड़वाएं. अफसर केजरीवाल से माफी की मांग पर अड़े हैं और कई महीने से काम ठप किए बैठे हैं.
बाहर AAP नेताओं का हल्लाबोल
धरने पर बैठे केजीवाल और उनके साथी मंत्री लगातार LG पर दबाव बनाने के लिए वीडियो जारी कर रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिये भी इस मुद्दे को दिल्ली की जनता से जोड़कर बीजेपी और केंद्र सरकार को बैकफुट पर धकलने की कोशिश हो रही है. एलजी दफ्तर के बाहर आप कार्यकर्ता लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत दूसरे APP नेता हर रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर LG और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. ये लड़ाई केजरीवाल और उनके अफसरों की है लेकिन दिल्ली के सीएम ने इसे खुद बनाम पीएम मोदी बना दिया है.
समर्थन में 4 राज्यों के मुख्यमंत्री
केजरीवाल की धरना पॉलिटिक्स के बहाने विपक्ष की मोर्चाबंदी तेज हो गई. चुनी सरकार के अधिकार और संविधान की दुहाई देकर चार राज्यों के मुख्यमंत्री केजरीवाल के समर्थन में खड़े हो गए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू इस मुद्दे को नीति आयोग की बैठक में उठाने का दम भर रहे हैं. ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सके. इससे पहले ये चारों केजरीवाल से मिलने निकल पड़े थे, लेकिन इन्हें इजाजत नहीं मिली. इन चारों CM ने दिल्ली में सियासी संकट से सीधे LG और मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समर्थन से AAP खेमा गदगद है और बीजेपी तमतमाई हुई है.
PM आवास का घेराव
धरने के सातवें दिन केजरीवाल ने ट्वीट कर एकबार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा, 'दिल्ली का कामकाज ठप करवाने वाले पीएम के हाथों में लोकतंत्र कितना सुरक्षित है', आज शाम 4 बजे आप कार्यकर्ता पीएम आवास घेरेंगे. ये रणनीति का हिस्सा है कि केजरीवाल की टीम ने पीएम आवास को घेरने के लिए रविवार के दिन को चुना है. AAP को लगता है कि रविवार होने की वजह से उसे दिल्ली की जनता का भरपूर समर्थन मिलेगा. क्योंकि हर एक बयान में AAP नेता ये कहने से पीछे नहीं हटते कि वो दिल्ली की जनता के लिए ये सबकुछ कर रहे हैं. आखिर मोदी सरकार की दिल्ली की जनता से क्या दुश्मनी है.