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मेट्रो किराया बढ़ोतरी के विरोध में दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पारित

AAP के विधायक अनिल वाजपेयी ने यह प्रस्ताव पेश किया, जिसमें मेट्रो का किराया बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए कहा गया है कि यह दिल्ली की जनता पर आर्थिक बोझ है.

मेट्रो ने हाल ही में दूसरी बार बढ़ाया है किराया मेट्रो ने हाल ही में दूसरी बार बढ़ाया है किराया
कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

दिल्ली में मेट्रो का किराया बढ़ाए जाने का विरोध कर रही आम आदमी पार्टी और बीजेपी विधायकों के बीच आज दिल्ली विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. AAP ने सोमवार को मेट्रो किराया वृद्धि के खिलाफ सोमवार को विधानसभा की विशेष सत्र बुलाई थी. AAP जहां मेट्रो किराए में वृद्धि को वापस लेने की मांग करती रही, वहीं बीजेपी सदस्य दिल्ली में पेट्रोल/डीजल पर वैट घटाने की मांग करते रहे.

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हंगामा इतना बढ़ गया कि सदन के स्पीकर ने बीजेपी ओपी शर्मा को मार्शल से बाहर करवाया दिया.

इस बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी पूरे रौ में नजर आए और उन्होंने बीजेपी पर टैक्सी कंपनियों की दलाली का भी आरोप लगाया.

मेट्रो किराया वृद्धि के विरोध में प्रस्ताव पास

दिल्ली विधानसभा में सोमवार को सत्तापक्ष ने मेट्रो किराए में बढ़ोतरी के विरोध में एक प्रस्ताव पास किया. AAP के विधायक अनिल वाजपेयी ने यह प्रस्ताव पेश किया, जिसमें मेट्रो का किराया बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए कहा गया है कि यह दिल्ली की जनता पर आर्थिक बोझ है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भी इस बढ़ोतरी को गैरवाजिब बताया.

केजरीवाल का केंद्र को 50-50 का प्रस्ताव

दिल्ली मेट्रो किराए में वृद्धि को लेकर मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कई प्रस्ताव भेजे थे, जिसमें दिल्ली मेट्रो का आधा खर्च वहन करना भी शामिल है. दिल्ली सरकार के मुताबिक अगर केंद्र सरकार आधी रकम यानी 1500 करोड़ रुपए दे दे तो दिल्ली सरकार भी 1500 रुपए चुकाने के लिए तैयार है जिससे ये बढ़ोतरी रोकी जा सकती है.

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सोमवार को सदन में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी इस प्रस्ताव को दोहराते हुए कहा, "दिल्ली सरकार मेट्रो के घाटे की भरपाई करने के लिए आधी रकम 1500 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार है, बशर्ते केंद्र सरकार को भी 1500 करोड़ रुपए चुकाना होगा, क्योंकि मेट्रो में केंद्र सरकार भी आधे की भागीदार है."

विपक्ष के आरोप

वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया है इस पूरे मामले में केजरीवाल सरकार राजनीति कर रही है. विपक्ष का कहना है कि अगर AAP सरकार को इतनी ही फिक्र है तो पूरी रकम यानी 3000 करोड़ रुपए वह खुद अपने खजाने से दें. BJP का यह भी कहना है मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी का फैसला बोर्ड की मीटिंग में हुआ था, जिसमें केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और मेट्रो के प्रतिनिधि शामिल थे.

बहरहाल दिल्ली विधानसभा में भले ही किराया बढ़ोतरी के विरोध में प्रस्ताव पास हो गया हो लेकिन केंद्र सरकार और बोर्ड के रुख से नहीं लगता बढ़ोतरी का फैसला वापस होगा.

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