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गजनी पर कब्जे की कोशिश में तालिबान, 100 से ज्यादा अफगान सैनिकों की मौत

अफगान अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि शहर को तालिबान के हाथों में नहीं जाने दिया जाएगा और वहां पर सरकारी ठिकानों और अन्य संस्थाओं पर अफगान बलों का ही नियंत्रण है.

गजनी शहर पर कब्जे के लिए लड़ रहा तालिबान (फाइल फोटो) गजनी शहर पर कब्जे के लिए लड़ रहा तालिबान (फाइल फोटो)
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

अफगानिस्तान के गजनी शहर पर कब्जे की कोशिश कर रहे तालिबान से लड़ाई में अब स्पेशल फोर्स को उतारा गया है. इस लड़ाई में अब तक सौ से ज्यादा अफगान सुरक्षा बलों की मौत हो चुकी है. जिसके बाद आतंकियों को परास्त करने के लिए और अधिक फोर्स को लगाया गया है.

अफगानिस्तान के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर गजनी पर नियंत्रण बनाने के लिए तालिबान पिछले हफ्ते से सुरक्षाबलों और नागरिकों को निशाना बना रहा है. तालिबानी आतंकी 5 दिन से शहर के अंदर घुसे हुए हैं और लोगों को मार रहे हैं.

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कई छोर से किए हमले के बाद बागियों ने शहर के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. यह तालिबान की ओर से बड़ी शक्ति का प्रदर्शन है जो राष्ट्रीय राजधानी काबुल से महज 120 किलोमीटर दूर स्थित शहर के इतने अंदर तक घुस गया है. अमेरिका ने अफगान बलों की मदद के लिए सैन्य सलाहकारों को भेजा है.

अगर 270,000 आबादी वाला गजनी हाथ से निकल जाता है तो यह तालिबान के लिए बड़ी जीत होगी. यह दक्षिणी प्रांतों से काबुल को जोड़ने वाले एक अहम राजमार्ग से भी संपर्क तोड़ देगा.

रक्षा मंत्री बहरामी ने कहा कि गजनी को तालिबान के हाथों में जाने से रोकने में मदद के लिए तकरीबन 1000 अतिरिक्त सैनिकों को शहर में भेजा गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान के 12 नेताओं समेत 194 विद्रोही मारे गए हैं. मृतकों में पाकिस्तानी, चेचेन और अरब के विदेशी लड़ाके शामिल हैं.

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तालिबान ने शहर के बाहरी हिस्से में स्थित एक टेलीफोन टावर को तबाह कर दिया. इससे सभी लैंडलाइन और मोबाइल फोनों का संपर्क टूट गया है. इससे भी लड़ाई के विवरण की पुष्टि करने में दिक्कत हो रही है.

प्रांत के पुलिस प्रमुख कर्नल फरीद मशाल ने बताया कि विद्रोहियों की ओर से लड़ने वाले अधिकतर लड़ाके विदेशी हैं जिनमें पाकिस्तान और चेचेन के लड़ाके भी शामिल हैं. मशाल ने कहा कि तालिबान अपने मकसद को हासिल करने में विफल रहा है.

कई जिलों पर कब्जा

पिछले कुछ महीनों के दौरान तालिबान ने देश के कई जिलों पर कब्जा किया है. तकरीबन रोज ही अफगान सुरक्षा बलों पर हमला किया है, लेकिन शहरी इलाकों पर कब्जा करने में नाकाम रहा था.

अमेरिका और नाटो ने 2014 के अंत में अफगानिस्तान में अपना जंगी मिशन औपचारिक तौर पर बंद कर दिया था. अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवीय संयोजक रिक पीपरकोर्न ने कहा कि शुक्रवार सुबह से गजनी के निवासियों ने अपने शहर को युद्ध भूमि में बदलते देखा है. लड़ाई अब भी चल रही है, हमें हताहत आम लोगों की संख्या के बारे में शुरूआती रिपोर्टें मिली हैं. लोग शहर के बाहर सुरक्षित इलाकों में जाने की कोशिश कर रहे हैं.

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