
मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को संभवत: महाराष्ट्र की नागपुर जेल में फांसी दी जाएगी. महाराष्ट्र सरकार ने याकूब को फांसी देने की प्रक्रिया लगभग शुरू कर दी है. अगर याकूब को फांसी मिलती है, तो नागपुर सेंट्रल जेल में करीब 42 साल किसी कैदी को फांसी दी जाएगी.
आजादी के बाद से अब तक महाराष्ट्र में कुल 56 कैदियों को फांसी दी गई. इनमें से कुछ को नागपुर जेल में तो कुछ को यरवदा जेल में मौत के फंदे पर लटकाया गया है. नागपुर जेल में आखिरी बार 17 अप्रैल 1973 को मोरीराम शाद्याजी गोडान को फांसी दी गई थी. नागपुर जेल में अब तक कुल 21 लोगों को फांसी दी जा चुकी है. अगर याकूब को इस जेल में फांसी हुई तो वह ये सजा पाने वाला 22वां कैदी होगा.
65 साल पहले हुई थी पहली फांसी
नागपुर जेल में 65 साल पहले पहली बार 25 अगस्त 1950 को पांथेयादी नंदल को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था. जबकि महाराष्ट्र राज्य में आखिरी बार 21 नवंबर 2012 को अजमल आमिर कसाब को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था. 26/11 मुंबई आतंकी हमले का वह एक मात्र जिंदा आतंकी था. उसे यरवदा जेल में फांसी हुई थी. इस जेल में पहली बार बालू किशन गोपाल नाम के कैदी को 15 दिसंबर 1952 फांसी दी गई.
देश में आखिरी बार 2013 में दी गई थी फांसी की सजा
अब तक मिले आंकड़ों के मुताबिक, 1947 के बाद से देश में अब तक कुल 169 लोगों को फांसी दी गई है. आखिरी बार फांसी की सजा संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु को दी गई थी. उसे 9 फरवरी 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया गया था. याकूब मेमन भारत में फांसी की सजा पाने वाला संभवत: 170वां अपराधी होगा. उसे 30 जुलाई को फांसी की सजा देने का आदेश जारी किया गया है.