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EXCLUSIVE: याकूब की पत्नी और बेटी ने कहा- 'हम सरकार पर भरोसा करके भारत आए थे'

मुंबई बम घमाकों के दोषी याकूब मेमन से जेल में संभवत: आखिरी मुलाकात करके लौटी उसकी पत्नी और बेटी ने सरकार से उसकी दया याचिका स्वीकार करने की अपील की है. 'आजतक' से खास बातचीत में याकूब की पत्नी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है सरकार उनकी अपील सुनेगी.

मुंबई बम धमाकों का दोषी है याकूब मेमन मुंबई बम धमाकों का दोषी है याकूब मेमन
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 25 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

मुंबई बम घमाकों के दोषी याकूब मेमन से जेल में संभवत: आखिरी मुलाकात करके लौटी उसकी पत्नी और बेटी ने सरकार से उसकी दया याचिका स्वीकार करने की अपील की है. 'आजतक' से खास बातचीत में याकूब की पत्नी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है सरकार उनकी अपील सुनेगी.

याकूब की पत्नी ने कहा, 'उनकी तबीयत खराब है. मेरे पति ने सरेंडर किया था तो फिर फांसी क्यों दी जा रही है. हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. सरकार हमारी अपील सुने.' उन्होंने कहा कि हम भारत की सरकार पर भरोसा करके यहां आए थे और इसी भरोसे के कारण उनके पति ने सरेंडर किया था. अब उसकी फांसी की सजा माफ कर दी जाए और इसे उम्रकैद में बदल दिया जाए.

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बोली बेटी, 'मेरे पिता को अपने किए पर पछतावा'
93 धमाकों के आरोप की बेटी ने 'आजतक' से बातचीत में कहा, 'मैं सरकार से अपील करती हूं कि वह हमारी याचिका स्वीकार करे. मेरे पिता नेकदिल हैं. उन्हें अपने किए पर पछतावा है और वह चाहते हैं कि उनकी सजा माफ हो.' याकूब की बेटी ने यह भी कहा कि जेल में मुलाकात के दौरान उसने कहा था कि अगर उसकी सजा माफ होती है तो जेल से बाहर आकर वह स्कूल खोलेगा और बच्चों को पढ़ाएगा.

याकूब की बेटी ने यह भी कहा कि वह जेल में कैदियों के पढ़ाता था और उन्हें अच्छी बातें सिखाता था.

महाराष्ट्र सरकार ने की राज्यपाल से सिफारिश
वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल से याकूब मेमन की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है. सुप्रीम कोर्ट से क्‍यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद 1993 के मुम्बई बम विस्फोट कांड के मुजरिम याकूब मेमन ने 30 जुलाई को अपनी फांसी की सजा की तामील पर रोक लगवाने के आखिर प्रयास के तहत महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष दया याचिका पेश की थी.

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