
बीएमसी चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिली है. लेकिन 84 सीटें जीतने वाली शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का कहना है कि नगर निकाय का मेयर उनकी पार्टी का ही बनेगा. जबकि 82 सीटें जीतकर बीजेपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है.
उद्धव ठाकरे के निशाने पर बीजेपी
दरअसल भाजपा की बढ़त से बेफिक्र शिवसेना ने जोर देकर कहा कि नगर निकाय का मेयर उनकी पार्टी का ही बनेगा. इसके साथ ही सेना ने अब पराए हो चुके अपने पुराने सहयोगी बीजेपी पर छल से उन्हें अस्थिर करने का भी आरोप लगाया. शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन नहीं करने की संकेत दिए हैं. सेना ने कहा कि भगवा पार्टी से उसकी लड़ाई जारी रहेगी और वह कठिन रास्ते पर चलती रहेगी, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो.
BMC परिणाम के बाद तीखे बोल
निकाय चुनाव परिणाम के एक दिन बाद सेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में दावा किया कि भाजपा ने इस चुनाव में राज्य की पूरी मशीनरी का इस्तेमाल किया, इसमें कहा गया कि बृहन्नमुंबई नगर पालिका और अन्य स्थानीय निकाय चुनाव में अभूतपूर्व परिणाम हासिल करने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने अपनी पूरी ताकत लगा दी.
इसमें दावा किया गया, 'सेना पिछले 25 वर्षों से बीएमसी में सत्तारूढ़ है. भाजपा ने हमारे शासन को अस्थिर करने के लिए छल का सहारा लिया. इससे पहले कांग्रेस के राज में ऐसा कभी नहीं हुआ.' सेना ने दावा किया, 'बीएमसी चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन उसके बावजूद उसे केवल 82 सीटें मिलीं. बीएमसी का मेयर शिवसेना से ही होगा.'
गडकरी ने दिए सुलह के संकेत
वहीं बीएमसी चुनाव में खंडित जनादेश पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुंबई नगर निगम पर नियंत्रण के लिए उनकर पार्टी और शिवसेना के पास हाथ मिलाने के अलावा और 'कोई विकल्प' नहीं है. गडकरी ने कहा, 'अब स्थिति ऐसी है कि दोनों पार्टियों के लिए साथ आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.' गडकरी ने कहा कि इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे लेंगे. दोनों परिपक्व हैं और मैं आश्वस्त हूं कि वे सही निर्णय लेंगे.
उद्धव को दी बयान पर संयम की सलाह
गडकरी ने एक मराठी टीवी चैनल से कहा, 'मुझे लगता है कि दोनों पार्टियों के नेता सूझबूझ और परिपक्वता का परिचय देकर निर्णय लेंगे.' उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को निशाना बनाने की आलोचना की'. उन्होंने कहा, 'अगर हमारे साथ दोस्ती रहेगी तब 'सामना' में लिखी जा रही बातें नहीं लिखी जानी चाहिए. ऐसे में कैसे दोस्ती हो सकती है जब सामना रोजाना प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी अध्यक्ष के बारे में अपमानजनक बातें लिखेगा?'
गडकरी ने बताया, 'मुझे लगता है कि भाजपा और शिवसेना के बीच इतनी कडवाहट नहीं आई है कि इन चीजों से बचा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि शिवसेना को ध्यान रखना चाहिए कि दोनों पार्टियों के बीच सामना के कारण संबंध खराब नहीं होने चाहिए.
फड़णवीस भी हमलावर मूड में
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी शिवसेना को सख्त संदेश दिया है. उनका कहना है कि मुंबई की महानगर पालिका का प्रशासन अपारदर्शी है. उन्होंने कहा, 'मैंने सीएम बनने के बाद मुंबई के सड़कों के गड्ढे के जांच के आदेश दिए. नाले की सफाई के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए लेकिन नाले साफ नहीं हुए.' उन्होंने कहा कि महानगर पालिका में घोटाले की जिम्मेदारी शिवसेना पर आएगी.
महाराष्ट्र नगर निकाय के चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त जीत के एक दिन बाद गडकरी का यह बयान सामने आया है. भाजपा 10 में से आठ नगर निगमों में चुनाव जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है और बीएमसी चुनाव में शिवसेना के बाद दूसरे स्थान पर काबिज रही है. बीएमसी में शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली हैं.
कांग्रेस नेता का 'शिवसेना' झुकाव!
इस बीच BMC के नतीजे आने के बाद कांग्रेस की ओर से पहली बार किसी नेता ने चुप्पी तोड़ी है. कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा कि शिवसेना हमारी दुश्मन नहीं है. राणे ने ये भी कहा कि बीजेपी धनबल के दम पर जीती है. बता दें कि नारायण राणे शिवसेना छोड़कर ही कांग्रेस में शामिल हुए थे. शिवसेना ने ही उन्हें महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया था. कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली है.