
गुरुवार को आए बीएमसी के नतीजों में शिवसेना नंबर एक पार्टी बनकर उभरी, हालांकि बीजेपी भी शिवसेना से काफी दूर नहीं थी. लेकिन शिवसेना को नंबर 1 पार्टी बनाने में उन्हीं वोटरों ने उसका साथ दिया, जिससे उसे खतरा था. जी हां, शिवसेना को मुस्लिम, हिंदी, गुजराती भाषी यानी गैर-मराठी वोटरों का साथ मिला है.
मुस्लिमों का भी मिला साथ
शिवसेना की ओर से उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवारों में से 2 मुस्लिम उम्मीदवार जीत हासिल करने में सफल रहे, वॉर्ड नंबर 64, 96 से यह उम्मीदवार जीते. इसके साथ ही पूर्वी उपनगर, पश्चिमी उपनगर और मुंबई शहर में रहने वाले गैर-मराठी वोट भी शिवसेना को ही मिले.
बीजेपी को हैरानी
नंबर 1 पार्टी बनने की आस लगाकर बैठी बीजेपी को इससे काफी हैरानी हुई होगी, क्योंकि शिवसेना की छवि गैर-मराठी लोगों के विरोध की रही है, तो उसे उम्मीद थी कि यह वोट उसके ही खाते में जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
हिंदीभाषी के साथ व्यापारियों का भी साथ
दक्षिण मुंबई के वॉर्डों में बड़ी तादाद में गैर-मराठी रहते हैं, यहां के वॉर्ड 203 में शिवसेना के सचिन पडवल चुनाव जीतने में सफल रहे. वहीं दक्षिण मुंबई सहित कई सीटों पर जहां हिंदीभाषी के साथ व्यापारियों का दबदबा है वहां भी शिवसेना ने बाजी मारी.
गौरतलब है कि गुरुवार को आए महाराष्ट्र निकाय चुनावों के नतीजों में शिवसेना 84 सीटें जीतकर नंबर 1 पार्टी बनी है, 82 सीटों पर बीजेपी का परचम लहरा है. जबकि कांग्रेस 31 सीटें जीतने में कामयाब रही है. एनसीपी को 9, एमएनएस को 7 और अन्य को 11 सीटें मिली हैं. शिवसेना और बीजेपी कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है.