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दाऊद की 'कॉल' पर गरमाई सियासत, AAP ने खडसे को दी रिकॉर्ड जारी करने की चुनौती

दाऊद से बातचीत का मामला महाराष्ट्र के साथ देश की सियासत में भी उबाल ला रहा है. आम आदमी पार्टी की ओर से खडसे पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने भी मोर्चा संभाला है.

ब्रजेश मिश्र/राहुल कंवल
  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2016,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

आम आदमी पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को बीते सात महीने की कॉल डीटेल सार्वजनिक करने की चुनौती दी है. AAP ने यह कदम वडोदरा के रहने वाले एक हैकर के उस दावे के बाद उठाया है जिसमें कहा गया है कि बीजेपी नेता के नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का फोन आता है.

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शनिवार को AAP की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद खडसे ने अपनी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से आए दो पत्रों की तस्वीरें ट्वीट की थीं. पहले पत्र की तारीख 18 मई थी, जिसमें नोडल ऑफिसर ने जलगांव के एसपी को लिखा था कि इंटरनेशनल कॉल डीटेल की जानकारी कॉल डीटेल रिकॉर्ड में अलग से नहीं होती. पत्र में एक मई 2015 से 8 मई 2015 तक की कॉल डीटेल मौजूद हैं.

फरवरी और मार्च में भरा गया था बिल
राजस्व मंत्री खडसे की ओर से शेयर किए गए दूसरे पत्र में इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत एक सर्टिफिकेट जारी किया गया था, जिसमें नोडल ऑफिसर ने कहा था कि उन्होंने CDR को सर्वर से मिलाया है और जो भी डाटा दिया गया है वह सही है. इन दोनों दस्तावेजों में यह कहीं नहीं लिखा कि मोबाइल नंबर 9423073667 बीते एक साल में कभी बंद हुआ हो, या बीते सात महीने में कराची से कोई फोन नही आया. एकनाथ खडसे ने अपने बचाव में कहा कि वह नंबर एक साल से बंद था. मंत्री के दावे के बाद हैकर मनीष भंगाले ने एक IVRS रिकॉर्डिंग जारी की, जिसके मुताबिक मोबाइल नंबर अप्रैल 2016 तक एक्टिवेट था. मार्च में नंबर इस्तेमाल करने की एवज में 700 रुपये और फरवरी में 1307 रुपये बिल जमा किया गया था. यही नहीं, अप्रैल में सिम कार्ड डैमेज हुआ तो ऑपरेटर के पास सिम बदलने की रिक्वेस्ट भी दी गई.

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एकनाथ खडसे का जब शुरुआती बचाव काम नहीं आया तो उन्होंने तत्काल अपना स्टैंड बदल दिया. 'आज तक' से बातचीत में उन्होंने कहा, 'या तो किसी ने मेरा फोन हैक कर लिया है या फिर क्लोन कर लिया है. मुंबई पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए.'

AAP नेता ने फिर साधा निशाना
मुंबई AAP की नेता प्रीति शर्मा मेनन ने खडसे पर निशाना साधते हुए कहा कि खडसे जिन दस्तावेजों का हवाला दे रहे हैं उनमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि इनके फोन पर इंटरनेशनल कॉल नहीं की गईं. उन्होंने कहा, 'खडसे जैसे लोग जनता को बेवकूफ बनाते हैं. वे सोचते हैं कि कोई भी पेपर हिलाकर वे सच को छुपा लेंगे.'

दाऊद की लिस्ट में कैसे आया खडसे का नंबर?
दाऊद से बातचीत का मामला महाराष्ट्र के साथ देश की सियासत में भी उबाल ला रहा है. आम आदमी पार्टी की ओर से खडसे पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने भी मोर्चा संभाला है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में खडसे को क्लीन चिट दे दी है और कहा कि खडसे ने दाऊद से बात नहीं की है. हालांकि सात महीने में खडसे ने कहां-कहां बात की इसकी जानकारी नहीं दी गई है. दाऊद के नंबर के कॉल रिकॉर्ड्स बताते हैं कि मंत्री का नंबर मोस्ट डायल्ड लिस्ट में शामिल है. सवाल ये है कि अगर खडसे ने दाऊद के लैंडलाइन नंबर से आने वाली कॉल रिसीव नहीं की हैं तो फिर उनका नंबर उस लिस्ट में कहां से आया.

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लंदन स्थित बैंक को भी किया फोन
दाऊद से लगातार बातचीत के मामले में सिर्फ एकनाथ खडसे ही नहीं चार अन्य भारतीयों के नंबर भी मिले हैं. इनमें से दो मुंबई में बिजनेसमैन हैं. लिस्ट में चार नंबर UAE के हैं, जिनमें से एक प्राइवेट सिक्योरिटी फर्म से भी जुड़ा है और मोस्ट डायल्ड नंबर की लिस्ट में एक और बड़ा नाम शामिल है इंटरनेशनल बैंक ऑफ लंदन का. दाऊद ने यहां भी लगातार फोन किए हैं.

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