
गुजरात में पटेल आरक्षण का आंदोलन अब हिंसक हो चला है. अहमदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने जहां एक ओर गाड़ियों में आग लगाई, वहीं प्रदेश के गृह मंत्री रजनी पटेल के घर पहले पत्थरबाजी हुई और फिर आगजनी भी की गई. इस बीच सूरत में भी प्रदर्शनकारियों ने कई बसों को आग के हवाले कर दिया. सूरत के दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है, जबकि पूरे शहर में धारा-144 भी लागू है.
सूरत के पुलिस कमिश्नर ने अतिरिक्त पुलिस बल की भी मांग की है. प्रदेश के कई दूसरे इलाकों में भी हिंसक प्रदर्शन की खबर है. अहमदाबाद में इंटरनेट सेवा बाधित हो गई है. राज्य के शिक्षा मंत्री ने बुधवार को सूरत और अहमदाबाद के सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए हैं, जबकि हालात के मद्देनजर दूसरे इलाकों में भी एहतियातन ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं. मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. सीएम ने इस बाबत ट्वीट भी किया है.
पुलिस ने मंगलवार देर शाम हार्दिक को प्रदर्शन स्थल से हिरासत में लिया था. प्रशासन ने रैली के लिए पहले से तय समय के खत्म होने के बाद मैदान में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और यहीं से हार्दिक को हिरासत में लिया गया. इस दौरान पुलिस ने गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की.
दरअसल, हार्दिक पटेल और प्रदर्शनकारियों को मंगलवार शाम पांच बजे तक ही मैदान में रैली की अनुमति दी गई थी. लेकिन इसके बाद भी प्रदर्शन जारी था. ऐसे में पुलिस ने शाम ढलते ही मैदान में प्रदर्शनकारियों पर धावा बोला और जमकर लाठियां भांजी. दिलचस्प यह कि इस दौरान पार्किंग में खड़ी गाड़ियों पर पुलिस का गुस्सा बरपा.
इससे पहले पटेल समुदाय के आंदोलन ने सड़कों पर हिंसक रूप ले लिया और शहर के कई हिस्सों में झड़पें होने की खबरें हैं. यहां पुलिस को हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
पटेल समुदाय के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों के बीच वदाज, वस्त्रपुर, निकोल और पालदी इलाकों से संघर्ष की खबरें हैं. समुदाय के सदस्यों ने एक बड़ी रैली के बाद अपने नेता हार्दिक पटेल के आह्वान पर बंद कराने का प्रयास किया था तभी संघर्ष हुआ.
पुलिस ने कहा कि वदाज इलाके में जब स्कूटरों और बाइकों पर सवार पटेल समुदाय के सदस्यों ने बंद का प्रयास किया तो दलित समुदाय के स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया और नतीजतन दोनों समुदायों के बीच संघर्ष हुआ और पथराव भी हुआ.
दुकानों और बसों में तोड़फोड़
शहर नियंत्रण कक्ष के पुलिस निरीक्षक डीआर धमल ने कहा, 'जब पटेलों और दलितों के दो समूह आपस में भिड़ गए तो पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया.' धमल ने कहा कि पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर वदाज पुलिस चौक के पास इलाके में दुकानों और बसों में तोड़फोड़ की और बाद में उनकी दलित समुदाय के लोगों से झड़प हो गई.
एक और पुलिस अधिकारी के मुताबिक वस्त्रपुर, पालदी और निकोल इलाकों से भी इसी तरह की खबरें हैं. पटेल समुदाय के युवा बड़ी संख्या में बंद कराने के लिए अपने दोपहिया वाहनों पर शहर की कई सड़कों पर निकले. कुछ स्थानों पर सिटी बसों के शीशे तोड़े जाने की भी खबरें हैं.
'बुरे नतीजे देखने को मिलेंगे'
प्रदर्शन हिंसक होने के बारे में पूछे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गलत तरह से पीटा. उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार को इसके बुरे नतीजे देखने को मिलेंगे.
उन्होंने कहा, 'पालदी में और वस्त्रपुर में मानसी चौराहे पर पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारियों को पीटकर पुलिस ने गलत किया है.' उन्होंने कहा, 'वे शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे थे तभी पुलिस ने लाठीचार्ज किया. सरकार को अब बुरे नतीजों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.'