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एअर इंडिया में 76% हिस्सा बेचेगी सरकार, 9 महीने से चल रही थी तैयारी

एअर इंडिया को खस्ता हाल से उभारने के लिए सरकार ने विनिवेश को लेकर अहम फैसला ले लिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि एअर इंडिया के विन‍िवेश के लिए बोली लगाई जाएगी.

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विकास जोशी/अनिंद्य बनर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

एअर इंडिया को खस्ता हाल से उभारने के लिए सरकार ने विनिवेश को लेकर अहम फैसला ले लिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि एअर इंडिया के विन‍िवेश के लिए बोली लगाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने अर्नेस्ट एंड यंग को ट्रांजैक्शन एडवायजर के तौर पर नियुक्त किया है. सरकार एअर इंडिया में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.

पिछले साल जून में इसकी सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद से सरकार इस दिशा में प्रयासरत थी. इस नीलामी में एअर इंडिया की सब्स‍िडरी AISAT और AIXL की भी 50 फीसदी हिस्सेदारी शामिल होगी. इस नीलामी में हिस्सा लेने के इच्छुक बिडर्स के लिए 28 मई तक का समय दिया गया है.

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एअर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश शीर्ष मैनेजमेंट के ट्रांसफर के जरिये किया जाएगा. इसके अलावा भारत सरकार के हिस्से के 76 फीसदी इक्व‍िटी शेयर बेचे जाएंगे.

बता दें कि केंद्र सरकार एअर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही दे चुकी है. उसके बाद से ही एअर इंडिया को बेचे जाने की कवायद चल रही थी.

इससे पहले इसी साल जनवरी में सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया में एफडीआई को मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने एअर इंडिया को बेचने की योजना तैयार कर ली थी. प्रस्तावित मसौदे के तहत कंपनी को 4 भागों में बांटे जाने का प्रस्ताव रखा गया था.

जून 2017 में ही केंद्र सरकार ने एअर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इसमें अपनी हिस्सेदारी को बेचने का फैसला लिया था. इससे पहले, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने केंद्र से इसके विनिवेश को मंजूरी देने की सिफारिश की थी.

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एअर इंडिया को कोर एयरलाइंस बिजनेस, रीजनल आर्म, ग्राउंड हैंडलिंग और इंजीनियरिंग ऑपरेशंस में बांटा जाएगा. बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया इस साल अंत तक पूरी कर ली जाएगी.

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