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दिल्ली की हवा हुई और जहरीली, खतरनाक स्तर पर पहुंचा पीएम 2.5 का स्तर

सुबह 10 बजे लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 401 रिकॉर्ड किया गया. राजधानी का सबसे व्यस्त चौराहा आईटीओ भी वायु की गुणवत्ता के लिहाज से खतरनाक हो चुका है. आईटीओ पर पीएम 2.5 का स्तर 421 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया. पंजाबी बाग में भी हालात ठीक नहीं हैं. यहां भी हवा में प्रदूषण तेजी से बढ़ा है और पीएम 2.5 का स्तर 403 तक पहुच चुका है. आरके पुरम जैसे पॉश इलाके में भी पीएम 2.5 का स्तर 408 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित कर दी थी. हालांकि कोर्ट के इस कदम का मामूली असर ही देखने को मिला. और अब सर्दियों की आमद के साथ ही राजधानी के आसमान में धुंध की चादर नजर आने लगी है. जैसे जैसे तापमान गिर रहा है वैसे वैसे दिल्ली की फिजा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा है.

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ग्रेडेड रेस्पांस ऐक्शन प्लान लागू होने के बावजूद बुधवार की सुबह दिल्ली के कई इलाकों में वायु की गुणवत्ता अति निम्न से गम्भीर कैटेगरी तक पहुंच चुकी है. EPCA के रियल टाइम एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक सुबह 10 बजे आनंद विहार इलाके में पीएम 2.5 सामान्य से 7 गुना ज्यादा दर्ज किया गया. आनंद विहार में पीएम 2.5 का स्तर 420 तक पहुंच गया, वहीं पेड़-पौधों से हरा भरा लोधी रोड इलाका भी गम्भीर प्रदूषण की चपेट में है.

सुबह 10 बजे लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 401 रिकॉर्ड किया गया. राजधानी का सबसे व्यस्त चौराहा आईटीओ भी वायु की गुणवत्ता के लिहाज से खतरनाक हो चुका है. आईटीओ पर पीएम 2.5 का स्तर 421 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया. पंजाबी बाग में भी हालात ठीक नहीं हैं. यहां भी हवा में प्रदूषण तेजी से बढ़ा है और पीएम 2.5 का स्तर 403 तक पहुच चुका है. आरके पुरम जैसे पॉश इलाके में भी पीएम 2.5 का स्तर 408 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया.

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हालांकि पूसा रोड, दिल्ली विश्वविद्यालय, मंदिर मार्ग, मथुरा रोड, आईजीआई एयरपोर्ट जैसे बाहरी इलाकों में पीएम 2.5 अभी अति निम्न स्तर पर ही है. जिस तेजी से मौसम बदल रहा है, तापमान गिर रहा है, उतनी ही तेजी से हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ रही है. लिहाजा EPCA को डर है की कहीं जल्द ही इन इलाकों में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स अतिनिम्न से गम्भीर कैटेगरी में ना पहुंच जाए.

मास्क लगाकर स्कूल जाने को मजबूर स्कूली बच्चे

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई बच्चे सुबह मास्क लगाकर स्कूल जाते नजर आए, वहीं कुछ रुमाल से मुंह ढंककर प्रदूषित हवा से बचने की कोशिश करते नजर आए. अभिभावक भी अपने बच्चों को इस बढ़ते प्रदूषण से बचाने के लिए जतन करते नजर आने लगे हैं.

मयूर विहार के एमिटी स्कूल में पढ़ने वाले शौर्य को बचपन से ही सांस की बीमारी है. सर्दियां आते ही उसकी परेशानी और बढ़ जाती है. ऐसे में शौर्य रोज मास्क लगाकर ही स्कूल जाता है. शौर्य ने बताया कि कभी गलती से मास्क नहीं लगाने पर उसे काफी दिक्कत हो जाती है. इसी तरह क्लास 1 में पढ़ने वाली अवंतिका भी रुमाल से नाक-मुंह ढंक कर स्कूल जाती दिखी. अवंतिका की मां ने बताया की उसे सांस संबंधी कोई परेशानी नहीं है, लेकिन स्मॉग की वजह से वह सावधानी बरत रही हैं.

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बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि मलिक के मुताबिक इस मौसम में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया, "स्वास्थ्य के लिहाज से फिलहाल दिल्ली की स्थिति किसी आपातकाल से कम नहीं है. छोटे बच्चे इस मौसम में जल्दी बीमार पड़ते हैं. अस्पतालों में अस्थमा और ब्रॉन्काइटीस के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं और चिंता की बात यह है की इनमें छोटे बच्चों की तादाद ज्यादा है.

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