
मुंबई आतंकी हमले पर पाकिस्तान में जारी सुनवाई में एक हास्यास्पद बात सामने आई. हमलों के एकमात्र जिंदा पकड़े गए गुनहगार अजमल कसाब को फांसी दी जा चुकी है. लेकिन पाकिस्तान की अदालत में एक गवाह मुकर गया. उसने दावा किया कि कसाब आज भी जिंदा है. यह दावा अंग्रेजी अखबार डेक्कन क्रॉनिकल ने गवाह के हवाले से किया है. गवाह के ऐसे बयान से अभियोजन पक्ष को भी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी.
कसाब के टीचर ने ही किया दावा
यह गवाब कसाब का टीचर रह चुका है. एक अधिकारी के मुताबिक फरीदकोट के प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर मुदस्सिर लखवी ने अदालत को बताया कि उन्होंने कसाब को पढ़ाया है और वह जिंदा है. उन्होंने कहा कि कसाब ने उस स्कूल में तीन साल पढ़ाई की थी. यदि जरूरत पड़ी तो कसाब को अदालत में पेश भी किया जा सकता है. मामले की सुनवाई अदियाला जेल रावलपिंडी में आतंकवाद-रोधी अदालत इस्लामाबाद के न्यायाधीश ने की. कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई थी .
कुछ दिन पहले ही हुई थी मुलाकात
हेडमास्टर ने कसाब के शैक्षिक रिकॉर्ड भी पेश किए और दावा किया कि ये रिकॉर्ड जिस शख्स के हैं, वह जिंदा है. वह अपने साथ कसाब के स्कूल में एडमिशन और वहां से जाने के रिकॉर्ड भी लेकर आए थे, जो अदालत में जमा करा दिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि कसाब उनसे कुछ ही दिन पहले मिला था. हालांकि उन्होंने कहा कि वह उस कसाब को नहीं जानते जिसे भारत में फांसी दी गई थी.