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पश्चिमी यूपी में हर गैंग के पास है एके-47

गाजियाबाद में बीते गुरूवार बीजेपी नेता बृजपाल तेवतिया पर हमला हुआ था. उनकी गाड़ी पर कई राउंड फायरिंग की गई. हमले में एके-47 रायफल और 2.9एमएम पिस्टल जैसे घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. इस वारदात में इस्तेमाल किए गए हथियारों की बरामदगी में एके-47 रायफल का मिलना बेहद ही चौंकाने वाला था.

पुलिस के पास इस बारे में पुख्ता जानकारी है पुलिस के पास इस बारे में पुख्ता जानकारी है
परवेज़ सागर
  • गाजियाबाद,
  • 14 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 8:31 PM IST

गाजियाबाद में बीते गुरूवार बीजेपी नेता बृजपाल तेवतिया पर हमला हुआ था. उनकी गाड़ी पर कई राउंड फायरिंग की गई. हमले में एके-47 रायफल और 2.9एमएम पिस्टल जैसे घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. इस वारदात में इस्तेमाल किए गए हथियारों की बरामदगी में एके-47 रायफल का मिलना बेहद ही चौंकाने वाला था.

सभी के जेहन में यहीं सवाल कौंध रहा था कि क्या पश्चिमी यूपी में एके-47 रायफल मिलना इतना आसान है. क्या यूपी में एके-47 जैसे घातक हथियार से किसी पर भी हमला करना महज एक खेल है. क्या इससे पहले भी किसी वारदात में एके-47 का इस्तेमाल किया गया है. दरअसल एके-47 एक असॉल्ट रायफल है और इसे बेहद ही घातक हथियार माना जाता है.

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पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी यूपी में सक्रिय एक दर्जन से अधिक गैंग के पास एके-47 रायफल है. चौंकाने वाली बात तो ये है कि यूपी पुलिस को भी इस बात की पुख्ता जानकारी है लेकिन पुलिस आज तक इनके पास से एके-47 बरामद नहीं कर पाई है. वहीं पुलिस की जानकारी में कुछ सफेदपोश लोगों के पास भी ये हथियार मौजूद है. इसके अलावा पुलिस को अंदेशा है कि कई और भी गिरोह है जिनके पास एके-47 रायफल हो सकती है.

कैसे मिलती है एके-47
ज्यादातर ये असॉल्ट रायफल बॉर्डर पार से भारत में आती है. पंजाब, जम्मू कश्मीर में बड़े पैमाने पर इस हथियार की सप्लाई की जाती है. महज 5 से 6 लाख रूपये खर्च करने पर एके-47 हासिल की जा सकती है. हालांकि ऐसे भी कई मामले है, जिनमें पुलिसकर्मियों से इस हथियार को लूट लिया गया था.

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एके-47 से हुए हमले
बीजेपी नेता बृजपाल तेवतिया पर हुए हमले के अलावा साल 2011 में यूपी के साहिबाबाद में भी एक गैंग वॉर में एके-47 का इस्तेमाल किया गया था. साल 2013 में गैंगस्टर रॉबिन त्यागी पर मेरठ के मंसूरपुर में पुलिस कस्टडी में इसी हथियार से हमला किया गया था. साल 2014 में गैंगस्टर अनिल दुजाना ने पुलिस कस्टडी में अपने विरोधी पर इसी रायफल से हमला किया था. हालांकि बृजपाल तेवतिया के हमलावर बेहद ही शातिर थे. उन्होंने हमले में इस्तेमाल की गई एके-47 रायफल के नंबर पर तेजाब डाल दिया था, जिससे उसकी पहचान न हो सके.

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