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जिस बादशाह को दुनिया मुगल-ए-आजम कहती है...

एक ऐसा शासक जिसे भारतीय इतिहास का सबसे पराक्रमी सम्राट माना जाता है. मुगल वंश की ख्याति पूरी दुनिया तक फैलाने वाले अकबर साल 1605 में आज ही के दिन दुनिया से रुखसत हए थे.

Akbar Akbar
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

वैसे तो मुगल वंश की शुरुआत बाबर से मानी जाती है लेकिन असल संदर्भों में देखा जाए तो बाबर के पोते और हुमायू के बेटे जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर को ही मुगल साम्राज्य का असल विस्तारक माना जाता है. मुगल-ए-आजम के नाम से मशहूर अकबर साल 1605 में 27 अक्टूबर के रोज ही दुनिया से रुखसत हुए थे.

1. अकबर की उम्र महज 13 साल थी जब उन्होंने राजगद्दी संभाली थी.

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2. उन्हें लिखना-पढ़ना भले न आता हो लेकिन उनकी याददाश्त गजब की थी. वे दूसरों से कहानियां-किस्से और दुनिया के बेहतरीन साहित्य का पाठ करा कर उसका लुत्फ उठाया करते थे.

3. उन्होंने एक बेहतरीन लाइब्रेरी स्थापित की थी. इसमें संस्कृत, हिंदुस्तानी, फारसी, यूनानी, लातिन, अरबी और कश्मीरी में 24 हजार वॉल्यूम थे.

4. उन्होंने दीन-ए-इलाही नाम का एक धर्म भी शुरू किया था. इसमें सभी धर्मों की बेहतरीन चीजों का समावेश था.

5. उन्होंने हिंदू धार्मिक यात्राओं पर लगने वाले टैक्स को हटाने का काम किया.

6. उनके नवरत्नों में अबुल-फजल, अब्दुल रहीम खान-ए-खाना, बीरबल, मुल्ला दो प्याजा, अबुल फजी, राजा मान सिंह, राजा टोडर मल, फकीर अजियाओ दीन और तानसेन शामिल थे.

 

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