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सचिन के रिकॉर्ड के करीब थे कुक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

32 वर्षीय कुक सचिन तेंदुलकर के इस रिकॉर्ड को तोड़ने से केवल 3667 रन पीछे थे, लेकिन उनके संन्यास लेने के बाद शायद ही कोई बल्लेबाज सचिन के इस विराट रिकॉर्ड तक पहुंच पाएगा.

सचिन और कुक सचिन और कुक
तरुण वर्मा
  • लंदन (इंग्लैंड),
  • 03 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और दिग्गज ओपनिंग बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. कुक भारत के खिलाफ 'द ओवल' में होने वाले आखिरी टेस्ट मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे.

कुक ने अब तक 160 टेस्ट मैच में कुल 12254 रन बनाए हैं. टेस्ट में कुक के नाम कुल 32 शतक और 56 अर्धशतक हैं. कुक ने भारत के खिलाफ 2011 में बर्मिंघम में करियर की सर्वश्रेष्ठ 294 रन की पारी खेली थी. कुक के संन्यास लेने से महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के 15921 टेस्ट रनों का रिकॉर्ड बच गया है.

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33 वर्षीय कुक सचिन तेंदुलकर के इस रिकॉर्ड को तोड़ने से केवल 3667 रन पीछे थे और संभवतः वह इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उनके संन्यास लेने के बाद शायद ही कोई बल्लेबाज सचिन के इस विराट रिकॉर्ड तक पहुंच पाएगा.

टेस्ट में सर्वाधिक रन बनानेवालों की लिस्ट (अब तक)

 1. सचिन तेंदुलकर (1989-2013), 200 टेस्ट, 329 पारी, 15921 रन

 2. रिकी पोंटिंग (1995-2012), 168 टेस्ट, 287 पारी, 13378 रन

 3. जैक कैलिस (1995-2013), 166 टेस्ट, 280 पारी, 13289 रन

 4. राहुल द्रविड़ (1996-2012), 164 टेस्ट, 286 पारी, 13288 रन

 5. कुमार संगकारा (2000-2015), 134 टेस्ट, 233 पारी, 12400 रन

 6. एलिस्टेयर कुक (2006-2018*) 160 टेस्ट, 289 पारी, 12254 रन

मौजूदा सीरीज में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, जिसमें उन्होंने चार टेस्ट की सात पारियों में महज 109 रन बनाए हैं. इस प्रदर्शन के बाद टेस्ट टीम में उनकी जगह को लेकर भी सवाल उठ रहे थे.

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संन्यास का ऐलान करते हुए कुक ने यह कहा

कुक ने एक बयान जारी कर कहा, 'पिछले कुछ महीने से काफी सोच विचार के बाद मैंने भारत के खिलाफ सीरीज के अंतिम मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहने का मन बना लिया है.’

कुक ने कहा, ‘यह हालांकि मुझे उदास करने वाला दिन है, लेकिन मैं ऐसा अपने चेहरे पर बड़ी मुस्कान के साथ कर रहा हूं क्योंकि मुझे पता है कि मैंने इस खेल को सब कुछ दिया है. मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतना कुछ हासिल करूंगा और इतने लंबे समय तक कुछ महान खिलाड़ियों के साथ खेलूंगा.’

इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा कमी ड्रेसिंग रूम के माहौल की खलेगी. उन्होंने कहा, ‘इस फैसले की सबसे मुश्किल बात यह है कि मैं टीम के साथियों के साथ ड्रेसिंग रूम फिर से साझा नहीं कर सकूंगा, लेकिन मुझे पता है कि यह सही समय है.’

कुक ने कहा, ‘बगीचे में एक बच्चे के रूप में क्रिकेट खेलने से लेकर मैंने अपने पूरे जीवन में इस खेल से प्यार किया है. मैं यह बयां नहीं कर सकता कि इंग्लैंड की जर्सी पहनना मेरे लिए कितना खास है. मुझे पता है कि यह समय है जब अगली पीढ़ी के युवा क्रिकेटरों को मौका दिया जाए जो हमारा मनोरंजन करें और देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करें.’ कुक ने हालांकि कहा कि वह एसेक्स के साथ कप्तान के तौर पर आगामी सत्र में जुड़े रहेंगे.

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बल्लेबाज के तौर पर कुक के पास ना तो डेविड गावर के जैसी तकनीक थी ना ही केविन पीटरसन के जैसे शॉट लेकिन अविश्वसनीय एकाग्रता और रन बनाने की क्षमता से वह इस खेल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल हैं.

कुक के करियर की सबसे बड़ी सफलता

कुक के करियर की सबसे बड़ी सफलता कप्तान के तौर पर 2012 में भारत में 2-1 से टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज करना था. उन्होंने इस सीरीज में ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर की स्पिन जोड़ी का शानदार तरीके से इस्तेमाल किया.

सिर्फ कप्तानी ही नहीं बल्लेबाज के तौर पर भी उन्होंने इस सीरीज में तीन शतक लगाए. उन्होंने मोटेरा में 176, मुंबई में 122 और कोलकाता में 190 रन की पारी खेली.

भारत के खिलाफ ही शुरू किया था करियर

सीरीज का अंतिम मैच सात सितंबर से 'द ओवल' में खेला जाएगा जो 33 साल के कुक के टेस्ट करियर का 161वां मैच होगा. कुक ने 2006 में 21 साल की उम्र में नागपुर टेस्ट में भारत के खिलाफ खेलते हुए अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी.

इस मैच में उन्होंने शानदार शतक जमाया था और अब वह भारत के खिलाफ ही आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलकर क्रिकेट को अलविदा कह देंगे. कुल ने इंग्लैंड की तरफ से 92 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने कुल 3204 रन बनाए हैं. इसके अलावा कुल ने चार टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 61 रन बनाए हैं.

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