
क्या भारत और पाकिस्तान के बीच 23 अगस्त को होने वाली NSA स्तर की बातचीत खटाई में पड़ सकती है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि वार्ता से पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान और हुर्रियत नेताओं को सख्त संदेश दिए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अगर हुर्रियत से बातचीत जारी रखी गई, तो NSA स्तर की मीटिंग खटाई में पड़ सकती है. गृह मंत्रालय लगातर अलगाववादियों पर नजर बनाए हुए है.
नजरबंद करने के बाद छोड़े गए हुर्रियत नेता
दिल्ली में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के साथ बैठक
से पहले हुर्रियत नेताओं को जम्म-कश्मीर में उनके घरों में नजरबंद
करने के कुछ घंटे बाद छोड़ दिया गया. जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट
(JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक को भी गिरफ्तारी के बाद रिहा कर दिया गया.
पाकिस्तान ने चली पुरानी चाल
दरअसल पाकिस्तान
ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर की वार्ता को पटरी से उतारने
के लिए एक बार फिर अलगाववादियों को बातचीत के लिए न्योता
दिया. इस आमंत्रण को हुर्रियत नेताओं ने स्वीकार भी कर लिया. पाकिस्तान
के इस प्रस्ताव के बाद अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने बुधवार सुबह
श्रीनगर में आपात बैठक बुलाई थी और APHC चेयरमैन फारूक ने हुर्रियत
कांफ्रेंस की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक बुलाई, जिसमें पाकिस्तानी
उच्चायोग के न्योते को स्वीकार कर लिया.
सरताज अजीज से मुलाकात का न्योता
गौरतलब है कि 23 अगस्त को भारत के एनएसए अजित डोभाल और उनके पाकिस्तानी
समकक्ष सरताज अजीज के बीच दिल्ली में आधिकारिक बैठक होनी है. सूत्रों के
मुताबिक, कश्मीर के शीर्ष अलगाववादी नेताओं को इसी दिन सरताज अजीज से
मुलाकात का न्योता भेजा गया था. मीरवाइज उमर फारूक के पास पाक उच्चायोग का
लिखित न्योता है. उनके अलावा सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक को भी
सरताज अजीज से मिलने के लिए बुलाया गया.