
पिछले महीने लागू हुई ई-वे बिल की व्यवस्था को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि कोई भी अधिकारी ई-वे बिल की हार्ड कॉपी न होने की स्थिति में माल जब्त नहीं कर सकता है. ई-वे बिल को लेकर पहली बार आए किसी कोर्ट के फैसले के बाद यह तय माना जा रहा है कि व्यापारी के पास ई-वे बिल की डिजिटल कॉपी भी है, तो वह भी मान्य होगी.
हाल ही में एक मामले की सुनवाई करने के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी करोबारी का माल सिर्फ इसलिए जब्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसके पास जनरेट हुए ई-वे बिल की हार्ड कॉपी नहीं है. कोर्ट के इस फैसले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अगर किसी के पास ई-वे बिल की हार्ड कॉपी नहीं होगी, तो वह मोबाइल और लैपटॉप में इसे रखकर भी अपने सामान को आसानी से ले जा सकेगा.
ई-वे बिल एक दस्तावेज है. इसे उन लोगों को हासिल करने की जरूरत है, जो 50 हजार रुपये से ज्यादा की कीमत का सामान व वस्तु ट्रांसपोर्टर के जरिये सप्लाई कर रहे हैं.
वैसे तो यह एक राज्य से दूसरे राज्य में इस कीमत की वस्तु व सामान को ट्रांसपोर्ट करने के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ राज्यों में अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट के लिए भी यह अनिवार्य होगा. हालांकि 50 हजार रुपये से ज्यादा के सामान के अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था धीरे-धीरे लागू होगी.
ई-वे बिल हासिल करने के लिए आप ewaybillgst.gov.in पर पहुंच सकते हैं. अगर आप रजिस्टर्ड कारोबारी हैं और आप 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान कहीं भेज रहे हैं, तो आपको साइट पर पहुंचकर Part A का EWB-01 फॉर्म भरना होगा.
वस्तु सप्लाई करने से पहले आपको ई-वे बिल प्राप्त करना जरूरी है. अगर सामान भेजने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड नहीं है और सप्लाई प्राप्त करने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड है, तो उसे Part A का EWB-01 फॉर्म भरना होगा. दोनों ही के रजिस्टर न होने पर, सामान की सप्लाई करने वाले ट्रांसपोर्टर को यह फॉर्म भरना होगा.