
केंद्र सरकार जीएसटी में लगाातर नये-नये बदलाव करती जा रही है. बेहतर बदलावों की खातिर मंगलवार को जीएसटी पैनल ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में बैठक की. इस बैठक में ई-वे बिल समेत रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने को लेकर चर्चा हुई और कुछ अहम फैसले लिए गए.
जीएसटी पैनल ने अंतरर्राज्यीय ई-वे बिल का दायरा और 6 राज्यों में बढ़ाने का फैसला लिया है. इन राज्यों में यह व्यवस्था 20 अप्रैल से लागू होगी. जीएसटी पैनल के अध्यक्ष सुशील मोदी ने इसकी जानकारी दी. बता दें कि 15 अप्रैल से देश के पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में अंतरर्राज्यीय ई-वे बिल की व्यवस्था लागू हो चुकी है.
मोदी ने बताया कि मीटिंग में जीएसटी रिटर्न को आसान बनाने पर चर्चा की गई. इस बैठक में 15 टैक्स एक्सपर्ट शाामिल थे. इसके साथ ही 40 से ज्यादा इंडस्ट्री ऑर्गनाइजेशंस ने भी भाग लिया. उन्होंने बताया कि रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने को लेकर राय देने के लिए 7 दिनों का समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं. सर्वसहमति के बाद इसके लिए तैयार होने वाली व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाएगा.
क्या है अंतरर्राज्यीय ई-वे बिल:
जिन राज्यों में अंतरर्राज्यीय ई-वे बिल की व्यवस्था लागू हो गई है. वहां 50 हजार रुपये से ज्यादा के सामान की राज्य के भीतर ही सप्लाई के लिए भी ई-वे बिल की जरूरत होगी. हालांकि अच्छी बात यह है कि इंटर स्टेट और इंट्रा-स्टेट के लिए बनने वाले ई-वे बिल फॉर्मेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
मीटिंग में इसके अलावा रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म पर भी चर्चा हुई. सुशील मोदी ने बताया कि इसको लेकर मई में फैसला आएगा. इसके अलावा जीएसटी 3बी फॉर्म को जारी रखने का भी फैसला लिया गया. मोदी ने बताया कि ई-वे बिल अगर एसएमएस के तौर पर भी मौजूद है, तो भी वह मान्य होगा.