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नोटबंदी और जीएसटी के असर से भारतीय अर्थव्यवस्था उभर गई है. अब भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ेगी. विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में भरोसा जताते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के 2018-19 में 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है.
अंतरराष्ट्रीय वैश्विक संस्था ने इसके साथ ही कहा है कि भारत को हर साल 81 लाख नई नौकरियों की जरूरत होगी. विश्व बैंक की तरफ से जारी साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
एक साल में दो बार पेश की जाने वाली इस रिपोर्ट में विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है. उसने अनुमान लगाया है कि इस साल बेहतर रहने के बाद 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी.
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था अब नोटबंदी और जीएसटी के असर से बाहर निकल चुकी है. बैंक ने कहा है कि 2018 में वृद्धि दर 2017 की 6.7 फीसदी से बढ़कर 7.3 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है.
रोजगार के मोर्चे पर कदम उठाने की जरूरत
हालांकि इस अच्छी खबर के साथ ही विश्व बैंक ने भारतीय सरकार को रोजगार के मोर्चे पर भी बेहतर कदम उठाने की हिदायत दी है. उसने कहा है कि हर महीने 13 लाख नए लोग वर्कफोर्स में शामिल होंगे. ऐसे में भारत को रोजगार की बेहतर स्थिति बनाए रखने के लिए हर साल 81 लाख नई नौकरियां पैदा करनी होंगी.
बता दें कि इससे पहले पिछले हफ्ते एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जारी किया था. इसमें बैंक ने कहा था कि 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी और 2019-20 में 7.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है.