
रकबर खान मॉब लिंचिंग केस में एक और नया मोड़ सामने आया है. रकबर खान के साथी असलम ने अपने बयान में बताया है कि रकबर को मारने वाले खुद को विधायक के आदमी बता रहे थे.
असलम का यह लिखित बयान आजतक के पास मौजूद है. जिसमें असलम ने दावा किया है कि रकबर खान को मारने वाले कह रहे थे कि वो विधायक के आदमी हैं और उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.
हालांकि, असलम जो दावा कर रहे हैं वो विधायक ज्ञानदेव आहूजा खुद भी कबूल चुके हैं. स्थानीय विधायक आहूजा ने कहा था कि हमारे कार्यकर्ताओं ने रकबर की थोड़ी-बहुत पिटाई की थी, उसके बाद पुलिस ने भी उसकी पिटाई की. ये वही विधायक हैं जिन्होंने 2017 में पहलू खान की हत्या के बाद कहा था कि जो गो-तस्करी करेगा, वो मरेगा.
सामने आई रकबर की तस्वीर
रकबर खान की कुछ तस्वीर भी सामने आई हैं. रकबर पुलिस वैन में नजर आ रहा है. इन तस्वीरों में रकबर सही हालत में बैठा नजर आ रहा है और उसके शरीर पर भी चोट का कोई निशान नजर नहीं आ रहा है.
पुलिस पर रकबर खान को देरी से अस्पताल ले जाने के भी आरोप लगे हैं, जिनकी जांच की जा रही है. प्राथमिक जांच में पुलिस की लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है. रामगढ़ थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर सुभाष सुभाष शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि एएसआई मोहन चौधरी समेत 3 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है.
SIT जांच की मांग
इस घटना की देशभर में आलोचना हो रही है. अब मेव समाज ने मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है. इस संबंध में मेव समाज के लोग आज अलवर में कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगे.