
अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे को देखते हुए गृह मंत्रालय ने 22 मई को एक अहम बुलाई है. ये बैठक को केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में होगी. अमरनाथ यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित रहे इसकी समीक्षा इस बैठक में की जाएगी. यात्रा 29 जून को शुरू होगी और सात अगस्त को समाप्त होगी. इस साल की करीब 1.30 लाख तीर्थयात्रियों ने इसके लिए पंजीकरण कराया है. केंद्र सरकार चाहती है कि कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ने से यात्रा में किसी तरह की कोई बाधा न आए. इसी के मद्देनजर पूरे इलाके में चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम करने की तैयारी है. गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में सीआरपीएफ और बीएसएफ की तैनाती की गई थी.
आमतौर पर सीआरपीएफ ही अमरनाथ यात्रा की पूरी सुरक्षा व्यवस्था देखती आई है. लेकिन इस बार खतरे को देखते हुए बीएसएफ को भी तैनात किया जा सकता है. आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर में सालाना अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और जैमर लगाकर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं. इस बार सीआरपीएफ को नियमित सुरक्षा उपायों के अलावा अतिरिक्त बलों की तैनाती करने के निर्देश पहले से ही दिए जा चुके हैं. शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 20 मोबाइल जैमरों के अलावा कुछ स्थिर जैमर भी लगाए जाएंगे.
किसी भी तरह की संदिग्त बातचीत को रोकने के लिए जैमरों का उपयोग के लिए किया जाता है. इससे मोबाइल फोन के सिग्नल रोके जाते हैं और वो काम करना बंद कर देता है. आतंकवादी हमलों में अक्सर मोबाइल फोन के जरिए संवाद स्थापित किया जाता है. कश्मीर में इन गर्मियों में प्रदर्शन जारी रहने के बीच, पठानकोट से जवाहर सुरंग तक राजमार्ग पर अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे. साथ ही गश्ती दलों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके.
गृह मंत्रालय के अधिकारी और पैरामिलिट्री के अधिकारी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे. साथ ही जम्मू कश्मीर में होने वाली दूसरी यात्राएं जैसे, कैलाश यात्रा, मणिमहेश यात्रा, त्रिशूल भेंट यात्रा और मचैल यात्रा की सुरक्षा तैयारियों का भी जायजा लिया जाएगा.