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नॉर्थ कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट से हड़कंप, UN में बैठक बुलाने की मांग

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने इस परीक्षण की तैयारियों का खुद दिशानिर्देशन किया. केसीएनए ने कहा कि किम ने एक अन्य शक्तिशाली परमाणु हमले के सफल परीक्षण पर अत्यधिक संतुष्टि जाहिर की है, इस हमले का अर्थ है कि देश की ताकत में भारी इजाफा हुआ है.

नॉर्थ कोरिया को चुनौती की तैयारी नॉर्थ कोरिया को चुनौती की तैयारी
संदीप कुमार सिंह
  • न्यूयॉर्क,
  • 13 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

उत्तर कोरिया ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की है कि उसने एक बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इसे उत्तर कोरिया की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. इस बीच, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने सुरक्षा परिषद से उत्तर कोरिया पर बैठक का अनुरोध किया है.

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नॉर्थ कोरिया ने की मिसाइल टेस्ट की पुष्टि
सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने कोरियाई शैली की नई रणनीतिक हथियार प्रणाली के बारे में कहा कि सतह से सतह पर मार सकने वाली एक मध्यम से लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पुकगुकसोंग-2 का रविवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. बता दें कि इससे पहले दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि मिसाइल को उत्तरी प्योंगन के पश्चिमी प्रांत स्थित बांघयोन एयरबेस से प्रक्षेपित किया गया है, यह जापान सागर (पूर्वी सागर) की ओर उड़ी थी.

केसीएनए की रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने इस परीक्षण की तैयारियों का खुद दिशानिर्देशन किया. केसीएनए ने कहा कि किम ने एक अन्य शक्तिशाली परमाणु हमले के सफल परीक्षण पर अत्यधिक संतुष्टि जाहिर की है, इस हमले का अर्थ है कि देश की ताकत में भारी इजाफा हुआ है.

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यूएन में मीटिंग बुलाने की मांग
अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया है कि वह उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण पर चर्चा करने के लिए एक आपात बैठक बुलाए. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कार्यभार संभाले जाने के बाद यह पहला परीक्षण है, उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण की पुष्टि किए जाने के बाद सोमवार को परिषद द्वारा वार्ता आयोजित किए जाने की संभावना है.

अमेरिका ने क्या कहा
अमेरिकी मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने जापान और कोरियाई गणतंत्र के साथ मिलकर यह अनुरोध किया है कि उत्तर कोरिया द्वारा 12 फरवरी को किए गए बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण पर आपात वार्ता आयोजित की जाए. उन्होंने कहा कि यह बैठक दोपहर के समय आयोजित की जा सकती है. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरियाई मिसाइल समुद्र में गिरने से पहले लगभग 500 किमी तक की दूरी तक गई थी. सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने इसे कोरियाई शैली की नई रणनीतिक हथियार प्रणाली बताते हुए कहा कि सतह से सतह तक मारने में सक्षम मध्यम से लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का कल सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया गया. इस परीक्षण को ट्रंप की प्रतिक्रिया की परीक्षा के तौर पर भी देखा जा रहा है.

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अमेरिका-जापान साथ-साथ
ट्रंप ने वाशिंगटन के क्षेत्रीय सहयोगी जापान को 100 फीसदी समर्थन देने का संकल्प लिया था. फ्लोरिडा में ट्रंप के साथ तात्कालिक संवाददाता सम्मेलन कर रहे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने इस परीक्षण को बिल्कुल बर्दाश्त न किया जा सकने वाला बताया है. अलग-थलग पड़े उत्तर कोरिया ने पिछले साल 20 से ज्यादा मिसाइल परीक्षण किए थे. अगस्त में प्रक्षेपित एक मिसाइल जापान के नियंत्रण वाले जलक्षेत्र में पहुंच गई थी, संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु प्रौद्योगिकी का प्रयोग किए जाने पर रोक है.

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