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धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन, US की विशेष निगरानी सूची में PAK

विदेश विभाग के प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने कहा, 'विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को भी धार्मिक स्वतंत्रता के ‘गंभीर उल्लंघनों’ को लेकर विशेष निगरानी सूची में डाल दिया. पाकिस्तान के संबंध में अन्य कोई स्पष्टीकरण तत्काल उपलब्ध नहीं है.'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
केशवानंद धर दुबे
  • वॉशिंगटन,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

अमेरिका ने पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई की है. अमेरिका ने पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघनों को लेकर विशेष निगरानी सूची में डाला है. अमेरिकी विदेश विभाग ने यह जानकारी दी.

यह घोषणा ऐसे वक्त हुई है जब अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने 10 देशों को खास चिंता वाले देशों के तौर पर विशेष पुन: वर्गीकरण का फैसला किया है.

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पाकिस्तान को डाला विशेष निगरानी सूची में

विदेश विभाग के प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने कहा, 'विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को भी धार्मिक स्वतंत्रता के ‘गंभीर उल्लंघनों’ को लेकर विशेष निगरानी सूची में डाल दिया. पाकिस्तान के संबंध में अन्य कोई स्पष्टीकरण तत्काल उपलब्ध नहीं है.'

नौअर्ट ने एक बयान में कहा, ‘‘दुनियाभर में कई स्थानों पर लोगों को अपने धर्म की आजादी का पालन करने पर अब भी उत्पीड़न, अभियोजन का सामना करना पड़ता है और सलाखों के पीछे जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम एक्ट, 1998 के अनुसार विदेश मंत्री हर साल उन सरकारों को खास चिंता वाले देशों के रुप में नामित करते हैं जो धार्मिक आजादी के भयंकर उल्लंघन में शामिल है या उन्हें नजरअंदाज करती हैं.

इन देेशों को खास चिंता वाला देश करार दिया

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उन्होंने कहा कि विदेश विभाग ने घोषणा की कि विदेश मंत्री ने बर्मा, चीन, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, सूडान, सऊदी अरब, तजिकिस्तान, तुर्केमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान को 22 दिसंबर, 2017 को खास चिंता वाला देश करार दिया.

पाकिस्तान को मिलने वाली सभी सुरक्षा मदद पर रोक

हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली सभी सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी है. ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को साफ कहा कि पाकिस्तान द्वारा अपनी जमीन पर पनपने वाले आतंकी नेटवर्क पर कोई कार्रवाई न करने से वे निराश हैं. अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान जब तक अपने यहां मौजूद हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता, यह रोक जारी रहेगी.

बता दें कि इसके पहले एक ट्वीट में ट्रंप ने कहा था कि पिछले 15 साल में अमेरिका ने पाक को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की सहायता दी है. इसके बावजूद पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्ष‍ित पनाहगाह बना हुआ है.

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