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H1B वीजा पर ट्रंप का विरोध, US सांसद बोले- भारत के साथ रिश्तों पर पड़ेगा असर

अभी एच1बी वीजा की समयसीमा खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रुक सकते हैं. लेकिन नए प्रस्ताव के तहत वीजा की मियाद खत्म होने और ग्रीन कार्ड जारी होने के बीच की अवधि में अमेरिका में रुकने की अनुमति नहीं होगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
जावेद अख़्तर
  • वाशिंगटन,
  • 06 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 10:18 AM IST

अमेरिका में एच1बी वीजा को लेकर ट्रंप प्रशासन के रुख का वहां के कुछ सांसदों ने विरोध किया है. अमेरिकी सांसदों का मानना है कि अगर ग्रीन कार्ड धारकों को एच1बी वीजा विस्तार नहीं दिए जाने का प्रस्ताव अमल में आता है, तो वहां काम कर रहे करीब पांच लाख से ज्यादा भारतीयों को वापस लौटना पड़ सकता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति का मानना है कि एच1बी वीजा विस्तार खत्म किया जाता है तो इससे अमेरिका की आर्थिक स्थिति को बड़ा झटका लगेगा. कृष्णामूर्ति का मानना है कि ऐसा होने से कंपनियां विदेशों में नौकरियां देंगी और यूएस में निवेश के बजाय दूसरे मुल्कों का रुख करेंगी. उन्होंने इस प्रस्ताव के खारिज होने की उम्मीद जताई.

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डेमोक्रेटिक सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा है कि ये कठोर नियम परिवारों को अलग कर देंगे. साथ ही टैलेंट को नुकसान पहुंचाने के साथ दोनों देशों के रिश्तों को भी प्रभावित करेंगे.

वहीं Immigration Voice के अमन कपूर ने दावा किया है कि एच1बी वीजा में बदलाव हर स्तर पर गलत है. उनका मानना है कि इससे 15 लाख लोग प्रभावित होंगे, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं.

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने जताई चिंता

वहीं हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने भी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस प्रस्ताव पर चिंता जाहिर की है. फाउंडेशन ने कहा है कि अगर ऐसा प्रस्ताव लागू किया जाता है तो उनके पास देश वापस लौटने या निष्कासित किए जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.

क्या है समस्या

दरअसल, मौजूदा नियमों के मुताबिक, एच1बी वीजा की समयसीमा खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रुक सकते हैं. लेकिन नए प्रस्ताव के तहत एच1बी वीजा की मियाद खत्म होने और ग्रीन कार्ड जारी होने के बीच की अवधि में ऐसे पेशेवरों को अमेरिका में रुकने की अनुमति नहीं होगी.

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क्या है एच1बी वीजा?

एच1बी वीजा एक गैर आव्रजन वीजा है जो कि अमेरिकी कंपनियों को विशेष पदों पर विदेशी कर्मचारी रखने की अनुमति देता है. अमेरिका में मुख्य रूप से आईटी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हजारों की संख्या में कर्मचारी रखने के लिए हर साल एच 1बी वीजा पर निर्भर रहती हैं.

अब अमेरिका एच1वीजा को लेकर नियम बदलने पर विचार कर रहा है. अमेरिका के इस कदम का ऐसे हजारों विदेशी कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ेगा जिनका ग्रीन कार्ड आवेदन अभी लंबित है. यानी जो लोग अमेरिका में नौकरियां कर रहे हैं और उन्होंने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया हुआ है और उसे अप्रूवल नहीं मिला है, तो एच1वीजा की टाइम लिमिट खत्म होने पर उसका विस्तार नहीं किया जाएगा. नतीजतन, ऐसे लोगों को अमेरिका से वापस आना पड़ेगा.

अभी क्या हैं नियम

वर्तमान में यह कानून आवेदक का ग्रीन कार्ड लंबित रहने के दौरान तीन साल की अवधि के लिए उसके एच-1बी वीजा का दो बार विस्तार करने की इजाजत देता है.

सरकार के मुताबकि, इस प्रस्ताव का उद्देश्य एच1बी वीजा के दुरुपयोग को रोकना है. साथ ही जिन लोगों के पास पहले से ग्रीनकार्ड है उनके लिए इस वीजा की अवधि बढ़ाने वाले प्रावधान को खत्म करना है.

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ट्रंप की नीति का हिस्सा

ट्रंप प्रशाशन का ये प्रस्ताव उनकी 'बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन' नीति का हिस्सा है. जिसके बारे में उन्होंने अपने 2016 के चुनावी अभियान में वादा किया था. ट्रंप ने राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद एच 1बी वीजा प्रणाली का समर्थन जताया था जबकि अभियान में वह उस कामकाजी वीजा का विरोध करते रहे थे जो कि भारतीय आईटी पेशेवरों में बहुत लोकप्रिय है.

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