
भारत के सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों द्वारा प्रमुख तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एच1बी वीजा को अमेरिका और विस्तार नहीं देने संबंधी नियम बनाने पर विचार कर रहा है. यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'खरीदो अमेरिकी सामान, रोजगार दो अमेरिकी' (बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन) को पहल का हिस्सा है.
इस कदम से ऐसे हजारों विदेशी कर्मचारी जिनका ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित है. उनके द्वारा एच1बी वीजा कायम रखने पर सीधे रोक लग जाएगी.
अमेरिका की समाचार संवाद समिति मैकक्लैची के डीसी ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में एक प्रस्ताव अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग के प्रमुखों के बीच शेयर किया गया है. यह ट्रंप की ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन’ पहल का हिस्सा है, जिसके बारे में उन्होंने अपने 2016 के चुनावी अभियान में वादा किया था.
एच1बी वीजा के दुरुपयोग रोकना
इस प्रस्ताव का उद्देश्य एच1बी वीजा के दुरुपयोग को रोकना है. साथ ही जिन लोगों के पास पहले से ग्रीनकार्ड है. उनके लिए इस वीजा की अवधि बढ़ाने वाले प्रावधान को खत्म करना है.
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में यह कानून आवेदक का ग्रीन कार्ड लंबित रहने के दौरान तीन वर्ष की अवधि के लिए उसके एच1बी वीजा का दो बार विस्तार करने की इजाजत देता है. इसके बाद भी आवश्यकता महसूस करने पर अमेरिकी प्रशासन इस अवधि को और बढ़ा सकता है. उल्लेखनीय है कि इस वीजा का उपयोग अधिकतर भारतीय आव्रजक करते हैं.
सूत्र के मुताबिक, ‘‘ इसके पीछे विचार है अमेरिका में हजारों भारतीय प्रौद्योगिकी कर्मचारियों के लिए एक तरह से ‘स्व-निर्वासन’ का माहौल तैयार करना. ताकि वह रोजगार अमेरिकियों को मिल सकें.