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सैलरी को लेकर दिल्ली सरकार और MCD में बढ़ा विवाद, 6 हजार करोड़ बकाया देने की मांग

साउथ एमसीडी के मेयर ने हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द फंड जारी किया जाए ताकि तीन महीने से बिना सैलरी के काम कर रहे एमसीडी के कर्मचारी काम पर ध्यान दे सकें

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

दिल्ली में सरकार और एमसीडी के बीच सैलरी को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर गहराता दिख रहा है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद साउथ एमसीडी के मेयर ने एक विज्ञापन देकर दिल्ली सरकार से फंड जारी करने की अपील की है.

मेयर ने हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द फंड जारी किया जाए ताकि तीन महीने से बिना सैलरी के काम कर रहे एमसीडी के कर्मचारी काम पर ध्यान दे सकें.

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'तीन महीने की सैलरी जल्दी दे सरकार'
सैलरी ना मिलने से नाराज तीनों एमसीडी के कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. सभी जल्द सैलरी देने की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि सैलरी ना मिलने से परेशान सफाई कर्मचारियों ने एक बार काम बंद कर दिया था जिससे राजधानी की सड़कें गंदगी से भरने लगी थीं. सफाई कर्मचारियों ने तब सड़कों पर कूड़ा बिखेरकर विरोध जताया था.

चौथा वेतन आयोग लागू करने की मांग
साउथ एमसीडी के मेयर ने विज्ञापन में कहा कि केजरीवाल-सिसोदिया सरकार ने तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के बावजूद निगमों का करीब 3000 करोड़ रुपये फंड रोक रखा है. उन्होंने कहा, 'सरकार से अपील है कि वह चौथा वेतन आयोग लागू करे, जिससे निगमों को 6000 करोड़ रुपये मिलेंगे. जिससे विकास जारी रहे.'

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