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सर्वे: बीजेपी के 'चाणक्य' अमित शाह पर लोगों का भरोसा कायम

देश का मिजाज जानने के लिए हुए इस सर्वे में सवाल किया गया था कि आप अमित शाह के बतौर बीजेपी अध्यक्ष प्रदर्शन को कैसे देखते हैं ? लोगों ने इसके जवाब में अमित को काफी अच्छे नंबरों से पास किया. लोगों का मानना था कि अप्रैल 2015 की तुलना में अब उनका प्रदर्शन ज्यादा बेहतर हो रहा है.

अमित शाह अमित शाह
विजय रावत
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  • 17 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, जम्मू-कश्मीर में चुनावी सफलता और अब बिहार में नीतीश के साथ वापसी करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले बीजेपी के चाणक्य अमित शाह को भारत की जनता काफी पसंद कर रही है. यही वजह है कि  'आजतक' व इंडिया टुडे और KARVY इंसाइट लिमिटेड के साथ मिलकर हुए अब तक के सबसे बड़े ओपिनियन पोल में भी अमित शाह का प्रदर्शन शानदार रहा. देश का मिजाज जानने के लिए हुए इस सर्वे में सवाल किया गया था कि आप अमित शाह के बतौर बीजेपी अध्यक्ष प्रदर्शन को कैसे देखते हैं ? लोगों ने इसके जवाब में अमित को काफी अच्छे नंबरों से पास किया. लोगों का मानना था कि अप्रैल 2015 की तुलना में अब उनका प्रदर्शन ज्यादा बेहतर हो रहा है.

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37 प्रतिशत लोगों ने अच्छा माना

मूड ऑफ द नेशन नाम से किए गए इस सर्वे में इन राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत पड़ने वाले 194 विधानसभा क्षेत्र में कुल 12,178 लोगों की राय पूछी गई, जिनमें 68% लोग ग्रामीण और 32% लोग शहरी इलाकों में रहने वाले थे. आजतक के सर्वे के मुताबिक साल 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत पक्की करने में अ‍हम भूमिका निभाने वाले अमित शाह समय के साथ और बेहतर होते जा रहे हैं. कई राज्यों हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत की वजह से लोगों का मानना रहा कि वह एक अच्छे लीडर साबित हो रहे हैं. यही वजह है कि उनके प्रदर्शन को अच्छा मानने वाले लोगों की संख्या 37 प्रतिशत रही. वहीं13 प्रतिशत लोगों ने उनके प्रदर्शन को बहुत अच्छा माना. 30 प्रतिशत लोगों ने उनके प्रदर्शन को औसत माना. ऐसे में उनके प्रदर्शन को 80 प्रतिशत लोगों ने पॉजिटिव रेटिंग दी.

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प्रदर्शन में लाना होगा सुधार

वहीं पंजाब और बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार की वजह से कई लोगों ने अमित शाह के प्रदर्शन को बतौर बीजेपी अध्यक्ष लचर माना. 4 प्रतिशत लोगों ने बहुत बुरा और 9 प्रतिशत लोगों ने अमित शाह के प्रदर्शन को बुरा माना. ऐसे में इस सर्वे से यह बात निकलकर सामने आई कि अमित शाह को अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाने की जरूरत है. वरना जनता का भरोसा उनसे उठ भी सकता है. वहीं सर्वे में शामिल 7 प्रतिशत लोग कोई राय नहीं बना पाए.

2015 से बढ़ रही है लोकप्रियता

2014 आम चुनाव में बीजेपी की जीत ने अमित शाह को लोगों के बीच जाना पहचाना चेहरा बना दिया. इस जीत की वजह से अमित शाह को चाणक्य तक कहा जाने लगा. हालांकि अमित शाह यही नहीं रुके और अब तक कई राज्यों में बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई. यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है. सर्वे के मुतबिक अप्रैल 2015 में जहां 27 प्रतिशत लोग अमित शाह के प्रदर्शन को अच्छा और 7 प्रतिशत लोग बहुत अच्छा मानते थे, वहीं अब अच्छा मानने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 37 और बहुत अच्छा मानने वाले लोगों की संख्या 13 प्रतिशत हो गई है.

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वहीं उनके प्रदर्शन को बुरा या बहुत बुरा मानने वालों की संख्या में गिरावट आई है. अप्रैल 2015 में 17 प्रतिशत लोग उनके प्रदर्शन को बुरा या बहुत बुरा मानते थे जो अब सिर्फ 13 प्रतिशत रह गए हैं.

2014 में बने थे राष्ट्रीय अध्यक्ष

अमित शाह बीजेपी के वे चाणक्य जिनकी चतुर चालों ने न सिर्फ पार्टी को उत्तर प्रदेश में नई जिंदगी दी, बल्कि ऐसी शानदार कामयाबी दिलवाई जिसकी आंधी में बाकी पार्टियों के शामियाने उखड़ गए. अमित शाह को बीजेपी में बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष अहम जिम्मेदारी 2014 में मिली थी. 9 अगस्त की तारीख थी जब वर्ष 2014 में अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का दायित्व दिया गया.पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह ने एक शानदार पारी संभाली. तीन वर्षों में लगातार अथक परिश्रम से पार्टी को जीत के बाद जीत दिलाते गए. जहां नहीं जीते, वहां और तरीकों से जीत उनके कोटे में दर्ज होती गई. एक सफल अध्यक्ष और एक कुशल प्रबंधक के तौर पर अमित शाह अजेय बने हुए हैं. वहीं तीन साल बाद उन्हें अब संसद सदस्य बनने का पुरस्कार मिल चुका है. अमित शाह अब भारतीय संसद के सदस्य हैं. संसद सदस्य के रूप में अब उनके लिए नए-नए रास्ते खुलते जाएंगे. हालांकि गुजरात राज्यसभा चुनाव में एक सीट पर उनकी चाल गलत पड़ने की वजह से उनकी जीत में एक हार भी परछाई बनकर चिपक चुकी है. अब वक्त यह भी देखेगा कि अमित शाह संसद सदस्यता के ज़रिए कहां कहां पहुंचते हैं और बीजेपी के मिशन-2019 में क्या जलवा दिखाते हैं. 

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