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...और जब खूंखार, जख्मी तेंदुआ बन गया इंसान का दोस्त

देहरादून में एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसने इंसान और तेंदुआ के बीच दोस्ती की एक नई मिसाल पेश की है. थके और जख्मी हालत में प्यासा तेंदुआ पानी की तलाश में रिहायशी इलाके में आ पहुंचा था. लेकिन इंसानी प्रेम के चलते उसने किसी पर हमला नहीं किया.

तेंदुआ तेंदुआ
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

उत्तराखंड में तेंदुओं के आतंक से सभी परिचित हैं. अभी हाल ही में देहरादून जिले के रायवाला क्षेत्र में हरियाणा के एक यात्री को तेंदुआ ने अपना शिकार बनाया था. इस तरह देखा जाए तो पिछले चार साल में रायवाला में तेंदुआ 16 लोगों की जान ले चुके हैं.

मगर देहरादून में एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसने इंसान और तेंदुआ के बीच दोस्ती की एक नई मिसाल पेश की है. थके और जख्मी हालत में प्यासा तेंदुआ पानी की तलाश में रिहायशी इलाके में आ पहुंचा था. लेकिन इंसानी प्रेम के चलते तेंदुआ ने किसी पर हमला नहीं किया. एक शख्स ने उसे पानी पिलाया और गर्मी में बेहाल तेंदुए को घर से बाल्टी भर भर पानी से नहलाया भी.

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जब तेंदुए की प्यास बुझ गई तो फिर ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. बाद में वन विभाग की पूरी टीम जब वहां पहुंची तो इस स्थिति को देखकर दंग रह गई कि लोगों के बीच एक खूंखार तेंदूआ आराम से बैठा हुआ है. हालांकि वन विभाग उसे पकड़ने के लिए पूरी तैयारी के साथ आया हुआ था. थोड़ी देर बाद वन विभाग के कर्मचारी तेंदुए को समीप के मालसी डियर पार्क ले आए जहां उसका उपचार कर उसे जंगल में छोड़ दिया गया. हालांकि गंभीर रूप से जख्मी होने की वजज से बाद में तेंदुए की मौत हो गई.

इस पूरी घटना से एक बात साफ है कि प्यार आज भी सब पर भारी है फिर चाहे वो खूंखार, जख्मी, भूखा प्यासा तेंदुआ हो या फिर इंसान, फर्क सिर्फ इतना है कि हम इंसान जंगली जानवरों को दोष जरूर देते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि हम उनके क्षेत्र में जबरन दाखिल हो रहे हैं.

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