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आंध्र यूनिवर्सिटी के कुलपति ने किया दावा- टेस्ट ट्यूब बेबी थे कौरव

आंध्र यूनिवर्स‍िटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव ने एक हैरानी भरा बयान जारी किया है. जिसके मुताबिक, महाभारत काल में स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब तकनीक की खोज की  जा चुकी थी और कौरव टेस्ट ट्यूब बेबी थे.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
राहुल झारिया
  • नई दि‍ल्‍ली,
  • 05 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

आंध्र यूनिवर्स‍िटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव ने शुक्रवार को भारतीय विज्ञान कांग्रेस में दावा किया कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब तकनीकों से हुआ था और भारत ने हजारों साल पहले ही इस ज्ञान को हासिल कर लिया था.

राव ने एक प्रेजेंटेशन में कहा कि भगवान राम ने अस्त्रों और शस्त्रों का इस्तेमाल किया जो लक्ष्यों का पीछा करते थे और उसे भेदने के बाद वापस आते थे.

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वाइस चांसलर ने कहा कि इससे पता चलता है कि मिसाइलों का विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है और यह हजारों वर्ष पहले भी मौजूद था.

राव के मुताबिक, रामायण में कहा गया है कि रावण के पास केवल पुष्पक विमान ही नहीं, बल्कि अलग-अलग आकार और अलग-अलग क्षमताओं के 24 तरह के विमान थे. रावण के श्रीलंका में कई हवाई अड्डे थे और वह कई उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल करता था.

उन्होंने कहा, "हर कोई हैरान होता है और किसी को भी विश्वास नहीं होता कि गांधारी ने कैसे 100 बच्चों को जन्म दे दिया. मनुष्य के तौर पर यह कैसे मुमकिन है? क्या कोई महिला एक जीवन में 100 बच्चों को जन्म दे सकती है?'

उन्होंने आगे कहा, "लेकिन अब हम मानते हैं हमारे टेस्ट ट्यूब से बच्चे होते हैं. एक बार फिर महाभारत में कहा गया कि 100 अंडों को निषेचित किया गया और 100 घड़ों में रखा गया. क्या वे टेस्ट ट्यूब शिशु नहीं थे? इस देश में स्टेम सेल शोध हजारों साल पहले हो गया था. आज हम स्टेम सेल शोध की बात करते हैं."

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राव ने कहा, "स्टेम सेल शोध और टेस्ट ट्यूब तकनीक के कारण एक मां से सैकड़ों कौरव हुए थे. यह कुछ हजारों साल पहले हुआ. यह इस देश में विज्ञान था."

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