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6 लाख एंड्रॉयड स्मार्टफोन में इस मैलवेयर से किया गया अटैक

इस तरह के मैलवेयर आमतौर पर डिटेक्ट नहीं होते क्योंकि ये हिडेन होते हैं और तब ही दिखते हैं जब ऐप को डाउनलोड कर लिया जाता है. कई बार डाउनलोड होने के बाद तब तक नहीं दिखते जब तक इस ऐप को ओपन न कर लें.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

आए दिन एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स किसी खतरनाक मैलवेयर के चपेट में आते हैं. एक बार फिर से रिपोर्ट आ रही है कि लगभग 6 लाख एंड्रॉयड यूजर्स के मैलवेयर के चपेट में हैं. साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट के मुताबिक ये मैलवेयर मोबाइल गेम में है और यह अटैकर्स के लिए रिमोट ऐक्सेस का काम करता है. यह हैकर्स के लिए रेवेन्यू जेनेरेट करने का काम भी करता है.

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साइबर सिक्योरिटी फर्म ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें False Guide नाम के इस मैलवेयर का जिक्र है जिसे गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध एंड्रॉयड के कई ऐप में अपलोड किया गया है. यह एक तरह का खतरनाक कोड है जिसे यूजर्स की जानकारी चुराने के लिए बनाया जाता है.

चेक प्वाइंट ने कहा है ने कहा है कि फरवरी में भी False Guide को गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड किया गया था. सबसे गंभीर समस्या ये है कि यह मैलवेयर पॉपुलर गेम जैसे Pokemon Go, FIFA और World of Tanks के गाइड के तौर पर फैलाया जा रहा है. इस सिक्योरिटी फर्म ने इसके लिए गूगल को अगाह कर दिया है. कंपनी ने ऐसे ऐप को जिनमें यह मैलवेयर पाया गया उसे प्ले स्टोर से हटा लिया है. इससे पहले भी गूगल ने इस मैलवेयर को हटाया था.

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हैरानी की बात यह है कि ऐसे ऐप्स को यूजर्स ने 50 हजार बार से ज्यादा बार डाउनलोड किया है.

गौरतलब है कि गूगल प्ले स्टोर से गेम गाइड ऐप काफी मात्रा में डाउनलोड किए जाते हैं और वो पॉपुलर भी होते हैं. ऐसे में यूजर्स इन्हें डाउनलोड करके अनजाने में अपने स्मार्टफोन में मैलवेयर इंस्टॉल कर लेते हैं और जानकारियां चोरी हो सकती हैं.

इस तरह के मैलवेयर आमतौर पर डिटेक्ट नहीं होते क्योंकि ये हिडेन होते हैं और तब ही दिखते हैं जब ऐप को डाउनलोड कर लिया जाता है. कई बार डाउनलोड होने के बाद तब तक नहीं दिखते जब तक इस ऐप को ओपन न कर लें. जाहिर है किसी भी ऐप इंस्टॉल करते वक्त यूजर्स को कई परमिशन देने होते हैं. ऐसे में परमिश का गलत यूज करके ये मैलवेयर अपना काम करना शुरू कर देते हैं.

हमारी सलाह है कि आप बिना वेरिफाइड पब्लिशर्स के ऐप इंस्टॉल न करने से बचें.

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