
केंद्रीय पर्यावरण अनिल माधव दवे का गुरुवार सुबह देहांत हो गया है. अनिल दवे के देहांत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया. उनके देहांत के बाद उनकी अंतिम इच्छा सामने आई है. जिसमें यह लिखा हुआ है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में कोई स्मारक ना बनें. अनिल माधव ने यह इच्छा 23 जुलाई 2012 को ही लिख दी थी.
अनिल माधव दवे ने अपनी अंतिम इच्छा में ये बातें लिखी...
# संभव हो तो मेरा अंतिम संस्कार बाद्राभान में नदी महोत्सव वाले स्थान पर किया जाये.
# उत्तर किया के रूप में केवल वैदिक कर्म ही हो, किसी भी प्रकार का दिखावा, आडंबर ना हो.
# मेरी स्मृति में कोई भी स्मारक, प्रतियोगिता, पुरस्कार, प्रतिमा ना बनाई जाए.
# जो मेरी स्मृति में कुछ करना चाहते हैं वे कृप्या वृक्षों को बोनें व उन्हें संरक्षित कर बड़ा करने का कार्य करें, तो उन्हें खुशी होगी. उन्होंने लिखा कि ऐसा करते हुए भी मेरे नाम का इस्तेमाल ना करें.
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आपको बता दें कि अनिल माधव दवे 61 साल के थे. वह काफी समय से बीमार थे, और एम्स में भर्ती थे. दवे 5 जुलाई 2016 में केंद्रीय मंत्री बने थे, वह मध्यप्रदेश बीजेपी का बड़ा चेहरा थे. गुरुवार दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को 11 सफदरजंग रोड़ में रखा जायेगा. फिर शाम को भोपाल ले जायेगा पार्थिव शरीर को जहां पार्टी दफ्तर में श्रद्धांजलि के लिए रखा जायेगा. उसके बाद देर शाम अनिल माधव दवे के पार्थिव शरीर को इंदौर में उनके भाई अभय दावे के घर ले जाया जायेगा. कल सुबह 9 बजे इंदौर में अंतिम संस्कार किया जायेगा
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