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देवेंद्र फडणवीस पर नाराज किसान ने फेंका जूता, अन्‍ना के मंच से दे रहे थे भाषण

यह जूता एक किसान ने फेंका. अन्ना के अनशन में किसान पहुंचे हुए थे. इस बार अन्ना किसानों की समस्याओं और लोकपाल से संबंधित मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे.

अन्ना के मंच से भाषण दे रहे थे फडणवीस अन्ना के मंच से भाषण दे रहे थे फडणवीस
अंकुर कुमार/पॉलोमी साहा
  • नई द‍िल्‍ली,
  • 29 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

 

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का दिल्ली के रामलीला मैदान पर चल रहा अनशन सात दिन बाद खत्‍म हो गया है. आंदोलन खत्‍म होने के बाद अन्ना हजारे के मंच से भाषण देते समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जूता फेंका गया.

यह जूता एक किसान ने फेंका. अन्ना के अनशन में कई किसान पहुंचे हुए थे. इस बार अन्ना किसानों की समस्याओं और लोकपाल से संबंधित मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे.

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नाराज थे गांववाले

इससे पहले, अन्ना के गांववालों ने रालेगण सिद्धि में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी. गांववालों ने केंद्र और राज्य सरकार पर अन्ना हजारे की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था और गांव से सभी सरकारी कर्मचारियों और पुलिसवालों को बाहर निकाल दिया था. यही नहीं, उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर गुरुवार तक उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे आत्मदाह शुरू करेंगे.

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस केंद्र सरकार का संदेश लेकर अन्ना हजारे का अनशन खुलवाने रामलीला मैदान गए थे. उनके साथ केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी थे.

बता दें कि अन्ना हजारे 23 मार्च से अनशन पर थे और आज उनके अनशन का सातवां दिन था. उनके सहयोगी दत्ता अवारी ने बताया कि अनशन के दौराम भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अन्ना का वजन पांच किलोग्राम से ज्यादा घट गया और उनका रक्तचाप भी गिर गया.

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मांगें पूरी करने का आश्वासन

मंच पर मौजूद अन्ना के साथियों का दावा है कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं. शाम करीब 5 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस रामलीला मैदान पर पहुंचे और उनका अनशन खत्म करवाया. फडणवीस ने अन्ना को जूस पिला कर उनका अनशन खत्म कराया. इस दौरान कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह भी मौजूद थे.

अन्ना ने अनशन खत्म करने का ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्‍यादा दाम देने का फैसला किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि लोकपाल की नियुक्ति पर केंद्र जल्द फैसला लेगा. उन्होंने कहा कि हम केंद्र को इन सबको पूरा करने के लिए 6 महीने का समय देंगे, वरना हम फिर से आंदोलन करेंगे.

बता दें कि अन्ना हजारे 23 मार्च से अनशन पर थे और आज उनके अनशन का सातवां दिन था. उनके सहयोगी दत्ता अवारी ने बताया कि अनशन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अन्ना का वजन पांच किलोग्राम से ज्यादा घट गया और उनका रक्तचाप भी गिर गया.

अन्ना हजारे ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा, 'कई दिनों से देख रहा हूं कि कई लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं और मुझ पर झूठे आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने जीवन में बहुत आलोचना सहन की है और मुझे इससे कभी डर नहीं लगता ना ही मैं उससे दुखी होता हूं. मुझे देश हित के सिवा कुछ नहीं चाहिए, मुझे ना किसी से वोट मांगने हैं, ना कुछ और. दुख केवल इस बात का है कि मेरी आलोचना करने वाले सिर्फ झूठ बोलते हैं और उस पर बात नहीं करते जो मुद्दे मैंने आंदोलन में उठाए. फिर भी भगवान उनका भला करे.'

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अन्‍ना हजारे की मांगें

-किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्‍यादा दाम मिले.

-खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपये पेंशन.

-कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले.

-लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए.

-लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो.

-हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त नियुक्‍त किया जाए.

-चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए.

 

 

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