
लोकपाल बिल को लेकर अपने आंदोलन से यूपीए सरकार को हिलाकर रख देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अब मोदी सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोलने जा रहे हैं. भूमि अधिग्रहण बिल और वन रैंक वन पेंशन (OROP) पर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने से नाराज अन्ना ने दो अक्तूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है.
दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू करने से पहले अन्ना अपने गांव रालेगण सिद्धी में पूर्व सैनिकों से मुलाकात करके रणनीति तैयार कर रहे हैं कि किस तरह सरकार को वन रैंक वन पेंशन मुद्दे पर घेरा जा सकता है. इसके साथ ही वह किसानों को भी एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.
इस मुद्दे पर क्यों सुस्त है सरकार?
अन्ना ने कहा- 'मौजूदा सरकार ने अपने चुनावी वादे में कहा था कि वह वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करेगी, लेकिन एक साल से भी ज्यादा का वक्त गुजर गया है और सरकार मौन बैठी है. जितनी तेजी से सरकार ने भूमि बिल के लिए अध्यादेश जारी कर दिया, वैसी ही तेजी OROP के लिए क्यों नहीं दिखा रही.'
पहले पदयात्रा करने वाले थे अन्ना
बता दें कि अन्ना हजारे ने भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ 25 मार्च से 27 अप्रैल के बीच पदयात्रा करने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे स्थगित कर दिया. अन्ना ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि अगर सरकार किसानों के हित के खिलाफ भूमि बिल को वापस नहीं लिया तो वह आंदोलन करेंगे.