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ED का दावा- PFI ने इकट्ठा किए थे 134 करोड़, कई वकीलों को भी दिए पैसे

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. शुरुआत में इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े मिले हैं. इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है.

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुई थी हिंसा (फाइल फोटो-PTI) उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुई थी हिंसा (फाइल फोटो-PTI)
संजय शर्मा/मुनीष पांडे/कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST

  • पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हिंसा के तार
  • इस हिंसा की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रही

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. शुरुआत में इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े मिले हैं. इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है. ईडी के सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई ने करोड़ों रुपये देश के वकीलों को दिए गए थे. इसमें सुप्रीम कोर्ट के कई वकील भी शामिल हैं.

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ईडी कर रही जांच

पीएफआई की गतिविधियों की जांच कर रही ईडी को पीएफआई और उससे जुड़े करीब 73 बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है. इस मामले में रेहाब इंडिया फाउंडेशन का भी जिक्र ईडी ने किया है.

ईडी के सूत्रों का कहना है कि करीब 134 करोड़ रुपये का फंड सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के लिए प्रयोग में लाया गया. साथ ही शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए कई बैंक अकाउंट भी खोले गए.

ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नाम से 27 बैंक खाते खोले गए. जबकि 9 बैंक खाते रेहाब इंडिया फाउंडेशन के हैं, जो पीएफआई से जुड़ा एक संगठन है और इसी संगठन ने 17 अलग-अलग लोगों और संगठन के नाम पर 37 बैंक खाते खोले गए हैं.

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73 खातों में 120 करोड़ रुपये

जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए 73 खातों में लगभग 120 करोड़ रुपये जमा किए गए, लेकिन खातों में मामूली राशि छोड़ दी गई थी.

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नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) 4 दिसंबर को संसद में पेश हुआ, और इसके बाद से पीएफआई से जुड़े खातों में करोड़ों की नकदी निकालना शुरू हो गया.

जांच एजेंसी की जानकारी ने यह बात सामने आई है कि 4 दिसंबर 2019 से 6 जनवरी 2020 तक 15 बैंक खातों में 1.40 करोड़ रुपये जमा किए गए थे जिसमें 10 खाते पीएफआई के और पांच खाते रेहब इंडिया फाउंडेशन के थे.

प्रदर्शन के वक्त निकाली गई राशि

यह धनराशि NEFT और IMPS के  जरिए राशि जमा कराई गई थी. जमा करने के बाद 2000 से लेकर 5000 तक की राशि बार-बार निकाली गई थी, ज्यादातर राशि लेनदेन धरना प्रदर्शन के दिन या उस वक्त के आसपास होती थी. जिसे तरीके का मनी ट्रेल हुआ है उससे यह साबित होता है कि घेराव और प्रदर्शन की लिए ही पैसा जुटाया गया और खर्च किया गया.

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एनआईए ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है और उसके आगे पीएफआई संबंधित जांच चल रही है, पूरी जांच में कुल 73 बैंक खातों का पता चला और इसके ट्रांजेक्शन डिटेल से पता चला है कि पीएफआई द्वारा कई भुगतान किए गए हैं. मामले में संबंधित एजेंसियां अपने मुताबिक जांच कर रही हैं.

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