
सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बीसीसीआई को फटकार भी लगई और पूछा की बीसीसीआई कमेटी की सिफारिशों को कबतक लागू करेंगा. सुप्रीम कोर्ट अब ये तय करेगा कि क्या क्रिकेट के लिए बीसीसीआई प्रशासक नियुक्त किया जाए या फिर बोर्ड को थोड़ा और समय दिया जाए. जिससे वो लिखित में अंडरटेकिंग दे कि वो लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को तय वक्त में लागू करेगा.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बीसीसीआई से कई सवाल पूछे
1) क्या आप लिखित में अंडरटेकिंग देने को तैयार हैं कि आप लोढ़ा पैनल की किन-किन सिफारिशों को लागू कर चुके हैं.
2) कितने वक्त में बाकी सिफारिशों को लागू करेंगे
3) कोर्ट के आदेशों में रुकावट पैदा कर रहे हैं
4) लोढा पैनल का भी यही मानना है कि बीसीसीआई सिफारिशों को लागू नहीं करना चाहता, इसलिए पदाधिकारियों को हटा देना चाहिए
बीसीसीआई ने हलफनामा दाखिल किया
आज बोर्ड ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों पर बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दायर कर दिया था. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा कि उन्होंने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों का विरोध नहीं किया है. कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. उन्होंने हलफनामे में कहा कि आईसीसी के सीईओ (डेव रिचर्डसन) को नहीं कहा कि लोढ़ा पैनल की CAG सदस्य की नियुक्ति से सरकारी दखल होगा जिससे आईसीससी, बीसीसीआई को निलंबित कर सकता है
अनुराग ठाकुर ने शशांक मनोहर पर निशाना साधा
अपने हलफनामें में पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर पर निशाना साधा. ठाकुर ने कहा कि दुबई में छह और सात अगस्त को आईसीसी की, फाइनेंस से जुड़े कुछ मुद्दो को लेकर बैठक थी. जिसमें भाग लेने के लिए वो दुबई गए थे. वहां उन्होंने चेयरमैन शशांक मनोहर के सामने सवाल उठाया था कि जब वह बीसीसीआई के अध्यक्ष थे तब उनका कहना था कि जस्टिस लोढ़ा की सिफारिशों जैसे बीसीसीआई में सीएजी की नियुक्ति से बोर्ड के कामकाज में सरकार की दखलअंदाजी बढ़ जाएगी और इसके चलते उन्हें आईसीसी से सस्पेंड भी होना पड़ सकता है.