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AAP की अपील- पेड़ काटने की बजाय, NBCC प्रोजेक्ट पर लगे रोक

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि पेड़ काटने के एवज में पेड़ कहां लगाए जाएंगे, इसका केंद्र सरकार के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं है. 'आप' नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार को ऊंची-ऊंची ईमारत बनाने का प्रोजेक्ट एनसीआर के इलाकों में शुरू करना चाहिए था.

सौरभ भारद्वाज सौरभ भारद्वाज
पंकज जैन/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

दक्षिणी दिल्ली में पेड़ों के कटने का मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. आम आदमी पार्टी ने पेड़ों की कटाई को लेकर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे हैं. 'आप' नेताओं ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग पर लगाए गए आरोपों को खारिज़ करने के साथ-साथ बीजेपी शासित केंद्र सरकार से एनबीसीसी के प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की अपील की है.

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आम आदमी पार्टी का आरोप है कि पेड़ काटने के एवज में पेड़ कहां लगाए जाएंगे, इसका केंद्र सरकार के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं है. 'आप' नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार को ऊंची-ऊंची इमारत बनाने का प्रोजेक्ट एनसीआर के इलाकों में शुरू करना चाहिए था.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भरद्वाज ने आरोप लगाया, 'पेड़ काटकर केंद्र सरकार के बड़े अफसरों और मंत्रियों के लिए आलीशान इमारत बन रही है. 17000 पेड़ काटने वाला यह केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट है जिसकी अनुमति डॉ. हर्षवर्धन के मंत्रालय ने नवंबर 2017 में अनुमति दी थी.'

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग द्वारा पेड़ काटने की अनुमति देने के आरोपों को खारिज़ किया है. सौरभ भारद्वाज ने सफाई देते हुए कहा, 'एक हेक्टेयर से ज्यादा के इलाके में पेड़ काटने के लिए एलजी अनुमति देते हैं. मनोज तिवारी अपने हर बयान में झूठ बोल रहे हैं और आम आदमी पार्टी इस प्रोजेक्ट का विरोध करती है.'

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भारद्वाज के मुताबिक 17 हजार पेड़ों की कमी से उस इलाके में रहने वालों का नुकसान होगा. ऐसे में एक पौधा पेड़ कब तक बनेगा, इसका कोई जवाब केंद्र सरकार के पास नहीं है.

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