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मंत्री बनने के बाद मेघवाल, मंडविया ने छोड़ी साइकिल की सवारी, अब लाल बत्ती वाली कार से आते हैं संसद

साइकिल से संसद पहुंचने वाले सांसदों के मिनिस्टर बन जाने के बाद अब पार्लियामेंट में साइकिल की सवारी दिखनी लगभग बंद हो गई है. रोज साइकिल से पहुंचने वाले सांसद मंत्री बनने के बाद अब सुरक्षा का हवाला देते हुए लालबत्ती कार से पार्लियामेंट पहुंच रहे हैं.

अर्जुन राम मेघवाल ने मंत्री बनते ही साइकिल से संसद आना छोड़ दिया है अर्जुन राम मेघवाल ने मंत्री बनते ही साइकिल से संसद आना छोड़ दिया है
रोहित गुप्ता/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

साइकिल से संसद पहुंचने वाले सांसदों के मिनिस्टर बन जाने के बाद अब पार्लियामेंट में साइकिल की सवारी दिखनी लगभग बंद हो गई है. रोज साइकिल से पहुंचने वाले सांसद मंत्री बनने के बाद अब सुरक्षा का हवाला देते हुए लालबत्ती कार से पार्लियामेंट पहुंच रहे हैं.

हालांकि मंत्री बनने के बावजूद मनसुख भाई मांडविया साइकिल से ही कुछ दिन आए पर अब वे लालबत्ती की गाड़ी में आने लगे है. दरअसल लालबत्ती का रुतबा ही ऐसा है जो व्यक्ति को बदल देता है. पर ये वही मंत्री हैं जो पहले साइकिल से आना अपना सौभाग्य समझते थे और हमेशा ये कहते नजर आते थे कि‍ पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए ऐसे सभी सांसदों को संसद में आना चाहिए. अर्जुन राम मेघवाल भी मंत्री बनने के बाद अब साइकिल की जगह लाल बत्ती की सवारी कर रहे हैं.

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मेघवाल, मांडविया के लकी साबित हुई साइकिल की सवारी
मेघवाल और मांडविया का साइकिल से आना इनके लिए ऐसा शुभ साबित हुआ की ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में आ गए. राजस्थान से आने वाले बीकानेर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल और गुजरात से राज्य सभा के सांसद मनसुख भाई मांडविया मंत्री बनने के बाद लाल बत्ती की गाड़ी से आते हैं. मेघवाल और मांडविया जब राष्ट्रपति भवन में शपथ के लिए जा रहे थे तब बाकायदा कैबिनेट सेक्रेटरी और राष्ट्रपति भवन से मंजूरी लेने के बाद वहां भी साइकिल से ही गए थे. दोनों ने वादा किया था कि‍ मंत्री बनने बाद भी यूं ही साइकिल से संसद आते-जाते रहेंगे.

मेघवाल बोले- समय-समय पर साइकिल से आता रहूंगा
आजतक की टीम ने जब साइकिल की सवारी छोड़ने पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से सवाल किया तो पहले बचते हुए दिखे और फिर कहने लगे कि समय-समय पर साइकिल से आकर यहां और अपने संसदीय क्षेत्र में पर्यावरण का संदेश देते रहेंगे.

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साइकिल छोड़ने के सवाल पर मनसुख भाई ने नहीं दिया जवाब
मनसुख भाई से जब साइकिल से न आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया और राज्य सभा के गेट नंबर 12 से अंदर चले गए.

फुस्स साबित हुआ मेघवाल का टारगेट
अर्जुन राम मेघवाल ने ही साइकिल से संसद आने की शुरुआत की थी और उनका लक्ष्य 16वीं लोकसभा खत्म होते-होते कम-से-कम 22 सांसदों को साइकिल की सवारी कराने का था. लेकिन वित्त राज्यमंत्री बनने के बाद अब वे देश की आर्थिक सेहत सुधारने में जुट गए हैं.

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