
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की मेक इन इंडिया कार्यक्रम की आलोचना को खारिज कर दिया है. उन्होंने आज कहा कि यह कम कीमत पर अच्छी क्वालिटी वाले उत्पादों के विमिर्नाण से जुड़ा है. ऐसे में इस बात का कोई मतलब नहीं रह जाता है कि इसे भारत में बेचा जाता है या विदेश में.
जेटली ने यहां कहा, मेक इन इंडिया के तहत उत्पाद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बनाए जाते हैं या बाहर के उपभोक्ताओं के लिए, यह प्रासंगिक नहीं हैं. आज का सिद्धांत यह है कि विश्व भर के उपभोक्ता ऐसे उत्पाद पसंद करते हैं जो सस्ते और अच्छी गुणवत्ता वाले हों.
इससे पहले इसी महीने राजन ने नई सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के बारे में आगाह करते हुए कहा था कि यह चीन के निर्यात केंद्रित वृद्धि मार्ग का अनुसरण है जबकि इसे मेक फॉर इंडिया (भारत के लिए बनाएं) होना चाहिए जो घरेलू बाजार के लिए उत्पाद विनिर्माण पर केंद्रित हो.
जेटली ने कहा कि जब तक विनिर्माण क्षेत्र गुणवत्ता और लागत को ध्यान रखने के लिए अपने आप में बदलाव नहीं करता उसे चुनौतियों का सामना करना पड़ता रहेगा. राजन ने प्रोत्साहन के लिए विशेष तौर पर विनिर्माण जैसे क्षेत्र को सिर्फ इस आधार चुनने के प्रति आगाह किया कि यह चीन में सफल रहा है. उन्होंने कहा था भारत अलग है और अलग दौर में विकसित हो रहा है और हमें इस बारे में निरपेक्ष होना चाहिए कि क्या सफल होगा.